कारगिल विजय दिवस : प्रधानमंत्री मोदी ने कारगिल युद्ध में शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि 

 

कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लद्दाख के कारगिल पहुंचे। उन्होंने 1999 की जंग के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी। पीएम मोदी ने कहा, "मैं जहां खड़ा हूं, वहां से आतंक के आकाओं तक मेरी आवाज पहुंच रही होगी। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि उनके आतंकी मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुस्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी। लेकिन उसने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वह आतंकवाद के सहारे प्रॉक्सी वॉर के जरिए खुद को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है।"

- 9 मई को पाकिस्तानी सेना ने कारगिल जिले में गोला दागकर भारत के गोला-बारूद डीपो को उड़ा दिया।

- 10 मई को द्रास, काकसर, और बटालिक सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा गया। करीब 600-800 घुसपैठिये भारतीय चौकियों पर कब्जा कर चुके थे।

- 15 मई से सेना को कश्मीर के अलग-अलग इलाकों से भेजने की शुरुआत हुई।

- 26 मई को भारतीय वायुसेना ने घुसपैठियों पर बमबारी की।

- 27 मई को दो भारतीय लड़ाकू विमानों को पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया। फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता को युद्धबंदी बना लिया गया और स्क्वॉड्रन लीडर अजय अहूजा ने सर्वोच्च बलिदान दिया।

- 31 मई को प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बयान दिया कि कश्मीर में युद्ध जैसे हालात बन चुके हैं।

- 4 जुलाई को भारतीय सेना ने टाइगर हिल्स पर तिरंगा फहराया। 11 घंटे की लड़ाई के बाद इस महत्वपूर्ण पोस्ट पर कब्जा जमाया।

- 5 जुलाई को भारतीय सेना ने द्रास सेक्टर पर कब्जा किया।

- 7 जुलाई को बाटलिक सेक्टर में जुबर पहाड़ी पर कब्जा किया गया। इसी दिन कैप्टन विक्रम बत्रा ने सर्वोच्च बलिदान दिया।

- 11 जुलाई को भारतीय सेना ने बाटलिक सेक्टर की लगभग सभी पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया।

- 12 जुलाई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भारत से बातचीत की पेशकश की।

- 14 जुलाई को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को पूरी तरह खदेड़ दिया और सभी भारतीय क्षेत्रों को वापस हासिल कर लिया।

- 26 जुलाई को भारत ने कारगिल युद्ध में विजय की घोषणा की।

18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया यह युद्ध भारतीय सेनाओं के साहस और पराक्रम की अद्वितीय गाथा कहता है।