बिजली संकट में केजरीवाल सरकार की साजिश, पीपीएसी में 8.75% की बढ़ोतरी से जनता को झटका

 

केजरीवाल सरकार ने बिजली की जरूरत को लेकर कोई समर एक्शन प्लान नहीं बनाया। गर्मियों में कहीं से भी अतिरिक्त बिजली खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया। अप्रैल 2024 में जब गर्मी अपने चरम पर पहुंच गई और बिजली कटौती शुरू हो गई, तब बिजली डिस्कॉम और सरकार की नींद खुली। दोनों की लंबी मिलीभगत है जो खुलकर सामने आई और केजरीवाल सरकार के इशारे पर बीएसईएस राजधानी ने 25 अप्रैल को डीईआरसी सचिव को पत्र लिखा कि पुराने सर्कुलर के आधार पर हम मई से जुलाई 2024 के लिए पीपीएसी (पावर परचेज एडजस्टमेंट चार्ज) में 8.75% की बढ़ोतरी कर रहे हैं। 

बताते चलें कि डीईआरसी एक असंगठित निकाय है और बढ़ोतरी की अनुमति देने की स्थिति में नहीं है। सरकार और डिस्कॉम ने मिलीभगत करके पीपीएसी में 8.75% की बढ़ोतरी करके 43.79% कर दिया है, जिससे बिजली उपभोक्ताओं के बिल बढ़ रहे हैं।

अगर सरकार मई से जुलाई तक के लिए समय पर पावर ग्रिडों से बिजली खरीदने से पहले एग्रीमेंट कर लेती तो कीमतें नहीं बढ़ती, लेकिन समय पर राजनीति की गई और पावर समर प्लान नहीं बनाया गया। जब बिजली महंगी थी तो जनता को गुमराह करने के लिए प्रति यूनिट दर तय नहीं की गई और मिलीभगत से मनमाने ढंग से पीपीएसी बढ़ाकर जनता से राशि वसूली गई।