योगी कैबिनेट में बड़े फेरबदल की आहट, पश्चिमी यूपी से तीन नाम रेस में, मंत्रियों की बढ़ी धड़कनें

 

UP News: योगी सरकार के संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अगले महीने होने वाले इस विस्तार में किन चेहरों को मंत्री पद मिलेगा और किनकी कुर्सी जाएगी, इसे लेकर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है। खासतौर पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े कुछ नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है, जिनमें से कम से कम एक नाम का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर खास फोकस रहेगा। मुरादाबाद मंडल से एक मंत्री बनाए जाने की चर्चा लगभग पक्की मानी जा रही है। मौजूदा समय में इस क्षेत्र से चंदौसी विधायक गुलाब देवी माध्यमिक शिक्षा मंत्री हैं, जबकि रामपुर से बल्देव औलख कृषि राज्य मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इस बीच भाजपा के बड़े जाट चेहरे भूपेंद्र चौधरी का नाम फिर से कैबिनेट में वापसी के लिए जोर पकड़ रहा है। पहले पंचायती राज मंत्री रह चुके भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद संगठन की बड़ी जिम्मेदारी मिली थी। अब संगठन में बदलाव के बाद उन्हें दोबारा सरकार में अहम भूमिका मिलने की अटकलें हैं। माना जा रहा है कि उनके जरिए पार्टी जाट बेल्ट को मजबूत संदेश देना चाहती है।

रामपुर में आजम खां के गढ़ में भाजपा की जीत का चेहरा बने आकाश सक्सेना को भी खास तवज्जो मिलने की चर्चा है। वहीं कुंदरकी से उपचुनाव में रिकॉर्ड जीत दर्ज करने वाले ठाकुर रामवीर सिंह का नाम भी मजबूती से उभर रहा है। मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता कई मंचों से उनकी जीत का उदाहरण दे चुके हैं, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत मानी जा रही है।

इन चर्चाओं ने जहां कई विधायकों की उम्मीदों को हवा दी है, वहीं कुछ मौजूदा मंत्रियों की बेचैनी भी बढ़ा दी है। दिल्ली दरबार और मुख्यमंत्री स्तर पर कुछ मंत्रियों के कामकाज को लेकर नाराजगी की बातें भी सामने आ रही हैं। यही वजह है कि इस बार मंत्रिमंडल विस्तार को सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

भाजपा नए साल के साथ ही मिशन-2027 की तैयारियों में पूरी ताकत झोंकने की रणनीति पर काम कर रही है। संगठन में बड़े बदलाव के बाद अब सरकार में भी संतुलन साधने की तैयारी है। चर्चा यहां तक है कि इस विस्तार में एक दलित चेहरे को तीसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में सामने लाया जा सकता है।

योगी कैबिनेट के इस संभावित फेरबदल ने सियासी माहौल गरमा दिया है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि सत्ता की इस शतरंज में किसकी किस्मत चमकती है और किसे बाहर का रास्ता दिखाया जाता है।