भागवत कथा के मंच से संतों का संदेश, गुरु और धर्म को बताया जीवन का आधार

 

Patna Desk: महामंडलेश्वर स्वामी राजेश्वरानंद जी के सान्निध्य में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान गुरुवार को धार्मिक वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। इस अवसर पर वाल्मीकि राष्ट्रीय महामंडलेश्वर संत शिरोमणि कृष्ण शाह विद्यार्थी विशेष रूप से कथा स्थल पर पहुंचे। उनके साथ महंत ज्ञानी मालदा, गुरुजी राजू चंदेल और पहाड़गंज स्थित राधा कृष्ण वाल्मीकि मंदिर के प्रथम पुजारी गुरुजी विष्णु दास भी मौजूद रहे।

कथा के दौरान महामंडलेश्वर स्वामी राजेश्वरानंद जी ने श्रीमद् भागवत की विधिवत आरती की और उपस्थित श्रद्धालुओं को तुलसी दल का वितरण किया। गुरुदेव ने इस मौके पर कृष्ण शाह विद्यार्थी जी सहित अन्य संतों को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

धर्म चर्चा के क्रम में महामंडलेश्वर कृष्ण शाह विद्यार्थी ने कहा कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति संभव नहीं है। गुरु की शरण में जाकर ही व्यक्ति को जीवन की सही दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा और उसके प्रचार-प्रसार के लिए गुरुओं का मार्गदर्शन आवश्यक है। धर्म के मार्ग पर चलने से समाज में आस्था मजबूत होती है और नई पीढ़ी, महिलाएं तथा बच्चे धार्मिक संस्कारों से जुड़ते हैं।

उन्होंने तुलसी महोत्सव का उल्लेख करते हुए कहा कि तुलसी माता भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं और उनके पूजन से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस अवसर पर उन्होंने देशवासियों को तुलसी महोत्सव की शुभकामनाएं दीं और धर्म के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया।

भागवत कथा और संतों के प्रवचनों से श्रद्धालु भावविभोर नजर आए। पूरे कार्यक्रम के दौरान कथा स्थल श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत रहा।