न्यूनतम वेतन वृद्धि महज एक दिखावा और चुनावी चाल है : योगेंद्र चंदोलिया 

 
दिल्ली बीजेपी के महासचिव और सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने कहा है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन वृद्धि महज एक दिखावा और चुनावी चाल है।
योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि यह सर्वविदित है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम खुद हजारों संविदाकर्मियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार के अस्पतालों और स्कूलों में काम करने वाले हजारों अस्पताल और स्कूल हाउसकीपिंग कर्मचारी काम के दिनों के प्रति दिन बमुश्किल ₹500 घर ले जा पाते हैं, जबकि बस मार्शल और यहां तक कि डीटीसी संविदा ड्राइवर कंडक्टर कर्मचारियों को कुशल श्रमिकों के लिए निर्धारित पूरा वेतन नहीं मिल रहा है, क्योंकि उन्हें महीने में बमुश्किल 15 दिन काम दिया जाता है।
एमसीडी में डेटा एंट्री ऑपरेटर से लेकर माली तक, कोई भी न्यूनतम वेतन दर पर पूरे महीने का भुगतान नहीं पा रहा है।
दिल्ली सरकार और एमसीडी में भ्रष्टाचार ठेकेदारों और सरकार के बीच गहरी मिलीभगत का परिणाम है। कागज पर कुछ मामलों में न्यूनतम वेतन से भी अधिक का भुगतान दिखाया जाता है, लेकिन वास्तविक भुगतान इससे कहीं कम होता है।
दिल्ली बीजेपी ने मुख्यमंत्री को चुनौती दी है कि वह सुनिश्चित करें कि सभी संविदा पर काम कर रहे दिल्ली सरकार और एमसीडी के कर्मचारी कुशल श्रमिकों के न्यूनतम वेतन के बराबर या उससे अधिक दर पर पूरे 30 दिनों का भुगतान उनके बैंक खातों में प्राप्त करें।