पहलगाम हमला : राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केंद्र ने मीडिया संस्थानों के लिए जारी की एडवाइजरी, रेलवे ने भी गैर-कश्मीरियों को किया सतर्क

केंद्र सरकार ने आज मीडिया संस्थानों को सख्त निर्देश दिया कि वे सेना की गतिविधियों और सुरक्षा बलों की आवाजाही का सीधा प्रसारण न करें। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चेताया कि इस तरह की कवरेज से अनजाने में दुश्मनों को फायदेमंद सूचना मिल सकती है। यह निर्देश जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद जारी किया गया है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यदि कोई चैनल केबल टीवी नेटवर्क संशोधन अधिनियम 2021 के नियमों का उल्लंघन करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच भारतीय रेलवे ने भी कश्मीर में तैनात गैर-कश्मीरी कर्मचारियों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। इसमें हिदायत दी गई है कि गैर-कश्मीरी कर्मचारी अकेले बाहर न निकलें और कार्यालय आने-जाने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की सहायता लें।
सरकारी एडवाइजरी के मुख्य बिंदु:
-मीडिया संस्थानों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया यूजर्स से कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सेना और सुरक्षा बलों से जुड़ी खबरों को प्रसारित करते समय विशेष सावधानी बरतें।
-रक्षा अभियानों और सैनिक मूवमेंट से जुड़ी रियल टाइम रिपोर्टिंग या दृश्य प्रसारित करने से बचने की अपील की गई है, क्योंकि इससे सुरक्षाकर्मियों की जान जोखिम में पड़ सकती है।
-मीडिया और डिजिटल माध्यमों को केवल कानूनी ही नहीं, नैतिक जिम्मेदारी भी निभाने को कहा गया है कि वे ऑपरेशनों के दौरान किसी भी संवेदनशील जानकारी का खुलासा न करें।
-मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों को पहले भी निर्देशित किया था कि आतंकवाद विरोधी अभियानों का लाइव कवरेज वर्जित रहेगा और किसी भी आधिकारिक जानकारी के लिए अधिकृत अधिकारी के ब्रीफिंग का इंतजार करना होगा।
पुरानी घटनाओं का दिया हवाला
सरकार ने कारगिल युद्ध, 26/11 मुंबई हमले और कंधार विमान अपहरण की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह लापरवाह मीडिया कवरेज ने राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाया। कारगिल युद्ध के समय सैनिकों की रणनीति का खुलासा होने से दुश्मनों को फायदा हुआ था। इसी प्रकार, कंधार अपहरण में यात्रियों के परिजनों की भावनात्मक अपीलें दिखाने से आतंकवादियों का मनोबल बढ़ा और भारत को झुकना पड़ा।
रेलवे की एडवाइजरी
रेलवे की ओर से जारी चेतावनी में कहा गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और उससे जुड़े आतंकी समूह विशेष रूप से गैर-कश्मीरी कर्मचारियों, पुलिसकर्मियों (विशेषकर खुफिया विभाग के) और कश्मीरी पंडितों को निशाना बना सकते हैं। खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, श्रीनगर और गांदरबल जिलों में ऐसे हमले किए जा सकते हैं। रेलवे के बुनियादी ढांचे को भी संभावित निशाना बताया गया है।