पीएम मोदी ने 2025 की उपलब्धियों का रिव्यू किया, एंटीबायोटिक के दुरुपयोग पर जताई चिंता, 2026 के लिए दी शुभकामनाएं

 

New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2025 के आखिरी “मन की बात” कार्यक्रम में पूरे देश के सामने इस साल भारत की उपलब्धियों और चुनौतियों का जायजा लिया। उन्होंने इस अवसर पर कई अहम मुद्दों पर अपनी राय साझा की और सभी भारतवासियों को 2026 के लिए शुभकामनाएं दीं।

पीएम मोदी ने सबसे बड़ी चिंता एंटीबायोटिक दवाओं के बढ़ते दुरुपयोग को बताया। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार, बीमारियों के इलाज में इन दवाओं की प्रभावशीलता घटती जा रही है। इसके पीछे कारण भारतीयों की बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाओं का सेवन है। पीएम ने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की दवा का सेवन केवल योग्य चिकित्सक की सलाह पर ही होना चाहिए।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने 2025 में देश की कई बड़ी उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए कहा कि यह अभियान पूरे भारत को गर्व का मौका देता है और दुनिया ने देखा कि भारत अपनी सुरक्षा के मामले में किसी से समझौता नहीं करता।

खेलों में भारत की शानदार उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पुरुष क्रिकेट टीम ने ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती, महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप पर कब्जा किया और बेटियों ने विमेंट ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रचा। एशिया कप में भी भारतीय टीम ने परचम लहराया।

विज्ञान और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की प्रगति पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बने। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव सुरक्षा में कई पहल की गईं और अब देश में चीतों की संख्या 30 से अधिक हो गई है।

सांस्कृतिक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ मेला 2025 ने पूरी दुनिया को रोमांचित कर दिया और राम मंदिर में झंडा फहराने की सेरेमनी ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। पीएम मोदी ने काशी तमिल संगमम का भी उल्लेख किया, जिसमें बच्चों ने तमिल भाषा सीखने में गहरी रुचि दिखाई, जो भारत की एकता और सांस्कृतिक ताकत का प्रतीक है।

अंत में प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि 2026 में नए उत्साह और संकल्प के साथ आगे बढ़ें और अगले साल “मन की बात” में फिर से जुड़ने का वादा किया।