200 रुपये में अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी, पश्चिम बंगाल के पटाखा फैक्ट्री धमाके का सच 
 

 

पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के एगरा क्षेत्र में मंगलवार दोपहर को पटाखे बनाने की अवैध फैक्ट्री में भीषण विस्फोट होने से नौ लोगों की मौत हो गई थी. जबकि नौ लोग बुरी तरह जख्मी हो गए. यह विस्फोट इतना जबरदस्त था कि जिस  इमारत में अवैध फैक्ट्री थी, वह पूरी तरह से ढह गई. इस मामले में अब एक चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है. पता चला है कि जिन लोगों की मौत हुई है, उन्होंने महज 200 रुपये में अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी. इस बात का खुलासा एक मृतक के परिजन ने किया है. 

मामले की जांच सीआईडी कर रही है. वहीं पुलिस ने कारखाना मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. बीजेपी और टीएमसी के बीच इस हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई है. विस्फोट से कुछ मिनट पहले फैक्ट्री के पास एक घर में पिता संजीव बाग अपने बेटे की जिद पूरी कर रहा था. बेटे को पकौड़े खाने थे, उसे रसाई में रखा मसाला  नहीं मिल रहा था तो उसने अपने बेटे को फैक्ट्री में काम कर रही उसकी मां माधुरी से पूछने के लिए भेज दिया. हालांकि बाद में वह भी उसके पीछे-पीछे आने लगा. दोनों फैक्ट्री के पास पहुंचे ही थे कि तभी जोरदार धमाका हो गया. सामान्य शोर-शराबे की आवाज चीख-चीत्कार में बदल गई . लोग इधर-उधर भागने लगे. संजीव ने मलबे में दबे लोगों में अपनी पत्नी को ढूंढना शुरू किया. काफी देर बाद उसे माधुरी बाग का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि जिस आवास में ये फैक्ट्री चल रही थी, वह ढह गया. उन्होंने कहा कि विस्फोट एक मकान के अंदर हुआ जहां पटाखे की फैक्ट्री चल रही थी. इस मामले में जांच की जा रही है. घायलों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया है. पिछले महीने फैक्ट्री में छापा मारा गया था और उसके मालिक के खिलाफ कार्रवाई की गई थी. कार्रवाई के बावजूद यहां पटाखे बनाए जा रहे थे.