उत्तराखंड टनल हादसा: मलबे में 40 मजदूर फंसे, 13 झारखंड के, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, पहुंचाया गया भोजन-पानी 

 

 

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा में रविवार को हुए टनल हादसे में फंसे 40  मजदूरों को निकालने के लिए मलबा हटाने का कार्य लगातार जारी है। मलबा हटाने के लिए हैवी एक्सकैवेटर मशीनों को जुटाया गया है। वॉकी-टॉकी के जरिए टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क हुआ है। फिलहाल सभी मजदूर सुरक्षित बताए जा रहे हैं। टनल में पानी की आपूर्ति के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए रात में चना-चबैना के पैकेट कंप्रेसर के जरिये दबाव बनाकर टनल में फंसे मजदूरों तक भेजे गए हैं। पुलिस बल, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद है। 

बता दें कि निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन हुआ है। जिस कारण टनल का एक हिस्सा अचानक टूट गया है, जिसमें लगभग 40 मजदूर अंदर फंस गये हैं। इन 40 मजदूरों में 13 मजदूर झारखंड के हैं। मौके पर तैनात पीआरडी के जवान रणवीर सिंह चौहान ने बताया कि घबराने की बात नहीं है रेस्क्यू टीम द्वारा टनल में फंसे लोगों की बात की गई है। मिली जानकारी के अनुसार इनमें बिरनी के सिमराढाब के बुधन महतो का इकलौता पुत्र 25 वर्षीय सुबोध वर्मा व केशोडीह विश्वजीत वर्मा है। दोनों काम की तलाश में उत्तराखंड गये थे और इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से दोनों रोजगार की तलाश में घर से बाहर निकले हैं। बुधन महतो का एक बेटा है और एक बेटी बेटी का विवाह हो चुका है। वहीं गिरिडीह इलाके के दो मजदूर भी इनमें शामिल है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पीड़ित परिवारों में मातम पसरा हुआ है। 

रणवीर सिंह चौहान ने कहा कि सेफ्टी डिपार्टमेंट वालों ने टनल में फंसे लोगों से बात की है। टनल में फंसे लोगों तक हमारी आवाज पहुंच रही है और वह खाने-पीने की वस्तुओं को अब ना भेजने को कह रहे हैं। साथ ही टनल में फंसे लोग गर्मी होने की बात कह रहे हैं।  हम टनल के अंदर 15 मीटर तक जा चुके हैं और लगभग 35 मीटर और अंदर जाना है। देर रात तक मजदूरों से संपर्क हो गया।