डिलीवरी कर्मियों के हक़ में आवाज़: प्रो. मनोज झा ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, ‘10 मिनट डिलीवरी’ जैसे खतरनाक मॉडल पर रोक की मांग

 

National News: राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने गिग और प्लेटफॉर्म डिलीवरी कर्मियों के अधिकारों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने देशभर में काम कर रहे लाखों डिलीवरी कर्मियों के शोषण, असुरक्षित कामकाजी हालात और बुनियादी श्रम अधिकारों की कमी की ओर सरकार का ध्यान दिलाया है।

प्रो. झा ने अपने पत्र में कहा है कि 25 दिसंबर 2025 को डिलीवरी कर्मियों ने देशव्यापी हड़ताल की थी। यह हड़ताल किसी अचानक गुस्से का नतीजा नहीं, बल्कि लंबे समय से जारी शोषण, असुरक्षित कार्य मॉडल, कम आय और शिकायत सुनवाई की व्यवस्था न होने के खिलाफ आवाज़ थी। इसके बावजूद कई प्लेटफॉर्म कंपनियों ने संवाद करने के बजाय आईडी ब्लॉक करने, एल्गोरिदमिक दंड देने और दबाव बनाने जैसे कदम उठाए।


उन्होंने खास तौर पर ‘10 मिनट डिलीवरी’ जैसे मॉडलों को खतरनाक बताते हुए कहा कि इससे न सिर्फ डिलीवरी कर्मियों की जान जोखिम में पड़ती है, बल्कि सड़क सुरक्षा भी प्रभावित होती है। तेज़ी के दबाव में दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जबकि स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा और सामाजिक सुरक्षा जैसी सुविधाएं कर्मियों को नहीं मिल पातीं।

पत्र में यह भी कहा गया है कि कंपनियां डिलीवरी कर्मियों को “पार्टनर” कहकर अपनी जिम्मेदारियों से बचती हैं, जबकि असल में पूरा जोखिम मजदूरों पर डाल दिया जाता है। इससे युवाओं की आय की स्थिरता, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा पर बुरा असर पड़ रहा है।

प्रो. मनोज झा ने सरकार से मांग की है कि—
    •    गिग और प्लेटफॉर्म कंपनियों को श्रम कानूनों के दायरे में लाया जाए।
    •    डिलीवरी कर्मियों को श्रमिक का दर्जा देकर उनके अधिकार सुनिश्चित किए जाएं।
    •    ‘10 मिनट डिलीवरी’ जैसे असुरक्षित मॉडलों पर रोक लगाई जाए।
    •    मनमानी आईडी ब्लॉकिंग और एल्गोरिदमिक दंड समाप्त किए जाएं।
    •    न्यूनतम आय, पारदर्शी भुगतान व्यवस्था, स्वास्थ्य व दुर्घटना बीमा और पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा दी जाए।
    •    कर्मियों को बिना डर सामूहिक रूप से अपनी बात रखने और बातचीत का अधिकार मिले।

अंत में प्रो. झा ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था का विकास शोषण के सहारे नहीं, बल्कि न्याय, सुरक्षा और गरिमा के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस दिशा में जल्द ठोस और संवेदनशील कदम उठाने की अपील की है।