धनतेरस की शाम याम का दीपक क्यों जलाते हैं क्या है मान्यता? जानें मुहूर्त, मंत्र, विधि और महत्व – अकाल मृत्यु से होती है रक्षा
 

Diwali Special 2025: धनतेरस की शाम मिट्टी का एक चौमुखा दीया लें और उसे पहले पानी से धोकर अच्छी तरह सुखा लें ताकि दीपक अच्छी तरह जले. इसके बाद दीया में सरसों का तेल भरें और उसमें चार बत्ती लगाएं. शाम 05:48 बजे इस दीपक को जलाएं. दीपक जलाते समय मंत्र "मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह, त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम" का पाठ करें...
 

Diwali Special 2025: धनतेरस के शुभ अवसर पर यमराज के लिए दीपक जलाने की परंपरा बहुत प्राचीन और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह रीति-पद्धति पद्मपुराण और स्कंद पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी वर्णित है. लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि, धनत्रयोदशी के प्रदोष काल में यमराज के लिए दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और मृत्यु के बाद यमराज का भय भी नहीं रहता. यही कारण है कि धनतेरस की शाम यम का दीपक जलाना अत्यंत शुभ और आवश्यक माना जाता है.

धनतेरस मुहूर्त
धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष धनतेरस की त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:18 बजे से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 01:51 बजे तक रहेगी. यम का दीपक जलाने का शुभ मुहूर्त आज शाम 05:48 बजे से शुरू होकर शाम 07:04 बजे तक रहेगा. यह मुहूर्त करीब एक घंटा 16 मिनट का है, जो यमराज के प्रति श्रद्धा और पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत उपयुक्त समय माना जाता है.

यम का दीपक जलाने की विधि
ज्योतिषाचार्य अनुसार, धनतेरस की शाम मिट्टी का एक चौमुखा दीया लें और उसे पहले पानी से धोकर अच्छी तरह सुखा लें ताकि दीपक अच्छी तरह जले. इसके बाद दीया में सरसों का तेल भरें और उसमें चार बत्ती लगाएं. शाम 05:48 बजे इस दीपक को जलाएं. दीपक जलाते समय मंत्र "मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन श्यामया सह, त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम" का पाठ करें. यह दीपक घर के बाहर दक्षिण दिशा में रखें, क्योंकि दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है.

यम का दीपक जलाने का महत्व
धनतेरस की शाम यम का दीपक जलाने से यमराज प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति पर मृत्यु का भय खत्म हो जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन यम का दीपक जलाता है, उसकी असमय मृत्यु नहीं होती. इसके अलावा, इस पूजा से व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. परिवार के सदस्यों पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव भी कम होता है और वे बुरी नजर से बच जाते हैं.

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि धनतेरस के इस पावन अवसर पर यमराज के लिए दीपक जलाने की यह परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जीवन में सुख-शांति और सुरक्षा की कामना भी करती है. इसलिए इस दिन यम का दीपक जलाना हर परिवार के लिए अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है.