रेल सुविधाओं को लेकर दिल्ली पहुंचे डिप्टी सीएम, लखीसराय को राहत मिलेगी?
New Delhi/ Patna: बिहार की राजनीति में एक बार फिर रेलवे का मुद्दा गरमाने लगा है। इस बार बात सिर्फ ट्रेनों के ठहराव या नए स्टेशन की नहीं है, यह मामला सीधा जनता की जरूरतों से जुड़ा है और उसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और लखीसराय के विधायक विजय कुमार सिन्हा ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। यह मुलाकात जितनी शिष्टाचार भेंट कही जा सकती है, उतनी ही चुनावी दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है।
रेल सुविधाओं में सुधार की सीधी मांग
बैठक में विजय सिन्हा ने अपने विधानसभा क्षेत्र और आसपास के इलाकों से जुड़ी कई अहम रेलवे समस्याओं को सामने रखा। उन्होंने साफ कहा कि लोग सालों से जिन तकलीफों से जूझ रहे हैं, अब उनका समाधान सिर्फ फाइलों में नहीं, जमीन पर दिखना चाहिए।
जो मांगें रखी गईं, वो कुछ इस तरह हैं:
- कछियाना हॉल्ट पर लोकल ट्रेनों 63315 और 53403 का नियमित ठहराव हो।
- महसौरा-सिसमा गांव के पास एक नया रेलवे स्टेशन बनाया जाए, जिससे 40–50 गांवों को राहत मिले।
- मनकट्ठा स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव दोबारा शुरू किया जाए।
- डुमरी को स्टेशन का दर्जा मिले और वहां 13401/13402 ट्रेन का ठहराव तय हो।
- बड़हिया और लखीसराय में कोविड-19 के बाद बंद हुई ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू किया जाए।
इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से ये भी अनुरोध किया कि वे खुद लखीसराय आकर रेलवे से जुड़े कामों की समीक्षा करें और जरूरी प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन या शिलान्यास करें।
तीन बार आंदोलन, अब उम्मीदें दिल्ली से
बड़हिया में ट्रेनों के ठहराव को लेकर अब तक तीन बार आंदोलन हो चुका है। लेकिन हर बार आश्वासन मिला, ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बार जब डिप्टी सीएम ने खुद केंद्रीय मंत्री से बात की है, तो लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं।
चुनावी गणित भी छुपा है इस मुलाकात में
राजनीतिक हलकों में इस बैठक को सिर्फ रेलवे विकास की बातचीत नहीं माना जा रहा। जानकारों का मानना है कि 2025 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए विजय सिन्हा का यह 'रेल कनेक्शन' सीधे वोट बैंक से जुड़ा हुआ है। अगर मांगें मानी जाती हैं, तो लखीसराय और आसपास के इलाके में बीजेपी की पकड़ और मजबूत हो सकती है।
रेल मंत्री ने दिया भरोसा, अब निगाहें कार्रवाई पर
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सारी बातों को गंभीरता से सुना और जरूरी पहल का भरोसा दिया। अब सबकी नजर इस पर है कि लखीसराय के लोगों को उनके हक की सुविधाएं कब तक मिलेंगी।
यह मुलाकात सिर्फ कागज़ी नहीं थी इसमें लखीसराय की जनता की उम्मीदें, नेताओं की रणनीति और बिहार की राजनीति की गहराई छुपी है। अगर रेल की ये गाड़ी अब रुकी नहीं, तो इसका असर चुनावी रास्तों पर भी दिखेगा।