रूस का एक शहर जो ठंड की वजह से 2013 से पड़ा है खाली

रूस के शहर वोरकुता से 17 किमी दूर बसा एक कस्बा इन दिनों जम सा गया है. यहां सर्दियों में पारा माइनस 50 डिग्री तक गिर जाता है. यही वजह है कि ये इलाका 2013 से खाली पड़ा है. वहीं इस इलाके में पोलर भालू बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. यहां जिस तरफ भी नजर… Read More »रूस का एक शहर जो ठंड की वजह से 2013 से पड़ा है खाली
 

रूस के शहर वोरकुता से 17 किमी दूर बसा एक कस्बा इन दिनों जम सा गया है. यहां सर्दियों में पारा माइनस 50 डिग्री तक गिर जाता है. यही वजह है कि ये इलाका 2013 से खाली पड़ा है. वहीं इस इलाके में पोलर भालू बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. यहां जिस तरफ भी नजर घुमाएं, चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आती है.

आपको बता दे कि रूस के वोरकुता से कुछ किमी दूर बसा ये इलाका यूरोप के सबसे ठंडे इलाकों में शामिल है. सर्दी में यहां हर एक चीज जम जाती है. कभी यहां 70 हजार से ज्यादा लोग रहते थे. सर्दी के कारण अब ये वीरान हो चुका है. एक समय इस इलाके में स्टालिन ने कैदियों को रखने के लिए गुलाग कैदखाना तक बनवा दिया था. शहर की सुनसान पड़ी इमारतों के अंदर के हालात भी डरावने हैं.

बता दे 1932 के समय में ये शहर माइनिंग हब के तौर पर मशहूर था, लेकिन जब सोवियत संघ का विभाजन हुआ. संघ के 15 टुकड़े हुए तो इस इलाके में चहल-पहल कम हो गई. रही-सही कसर यहां के तापमान ने पूरी कर दी. 21वीं सदी की शुरुआत आते-आते यहां से कोयले के खदान बंद कर दिए गए. क्योंकि 1980 से 1990 के बीच खुदाई कराने वालों और मजदूरों के बीच संघर्ष और विवाद होने लगा था. क्योंकि मजदूरों को इस भयानक परिस्थितियों में काम करने के लिए पर्याप्त मजदूरी नहीं मिलती थी.