पटना में होते-होते रह गया सूरत जैसा हादसा, गर्ल्स हॉस्टल में जिंदा जलने से बचीं 50 लड़कियां
गुजरात के सूरत में पिछले महीने 24 मई को एक कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग की तरह ही राजधानी पटना में बुधवार को बड़ा हादसा होते-होते रह गया. बीती रात पटना के एक छह मंजिले गर्ल्स हॉस्टल के दूसरे फ्लोर में आग लग गई. दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. हादसे में 50 लड़कियों को जिंदा जलने से बचा लिया गया. मालूम हो कि जून महीने में पटना में यह ऐसी दूसरी घटना है. इसके पहले बीते चार जून को भी पटना के एक गर्ल्स होस्टल में आग लगी थी.
बता दें कि सूरत के सरथाना क्षेत्र में बीते 24 मई को ‘तक्षशिला कोचिंग सेंटर’ में आग लगने से 22 बच्चों की मौत हो गई थी. सूरत में हुए उस हादसे के बाद बिहार में भी कोचिग सेंटरों व स्कूल तथा हॉस्टल आदि के सुरक्षा इंतजाम पर सरकार की नजर है. इसके बावजूद हादसे हो रहे हैं.
बुधवार की रात पीरबहोर थाना क्षेत्र के भिखना पहाड़ी क्षेत्र में छह मंजिले गर्ल्स हॉस्टल के दूसरे फ्लोर में आग लग गई. स्थानीय लोगों ने फायर स्टेशन को खबर दी और आग बुझाने में जुट गए. जब तक दमकल की छह गाडियां मौके पर पहुंचीं, हॉस्टल की सभी 45 से 50 लड़कियां सुरक्षित बाहर निकाली जा चुकी थीं. 20 मिनट बाद दमकल की छह गाडिय़ां मौके पर पहुंचीं. दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका. पीरबहोर थानेदार रिजवान अहमद खान ने बताया कि सभी लड़कियां सुरक्षित हैं.
बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर हॉस्टल के एक कमरे में शॉर्ट सर्किट से चिंगारी निकली. कमरे में छात्राओं की किताब में लगी आग ने बिस्तर और फर्नीचर को चपेट में ले लिया.
हालांकि, तब उस कमरे में कोई नहीं था. छत पर टहल रहीं लड़कियों ने देखा कि कमरे में धुआं और आग की लपटें उठ रही हैं. वे चीखते हुए नीचे आईं. चंद मिनटों में सभी लड़कियों को खबर हो गई कि आग लगी है. एक-दूसरे पर गिरते-पड़ते सभी बिल्डिंग से बाहर निकलीं. दूसरी मंजिल पर आग देख स्थानीय लोग भी लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुट गए.
हादसे के कारण भयभीत छात्राओं ने बताया कि एक वक्त तो ऐसा भी आया था कि भयभीत व बदहवास हो वे बिल्डिंग से कूदने जारहीं थीं. लेकिन फिर सोचा कि यह अंतिम रास्ता रहेगा.
इसके पहले बीते चार जून को पटना के कदमकुआं स्थित नया टोला में पारस कंपाउंड में निर्मित एक आवासीय बिल्डिंग में संचालित एक गर्ल्स होस्टल में भी आग लगी थी. घटना के समय गर्ल्स हॉस्टल में सात छात्राएं मौजूद थीं. पटना में संचालित होसटलों को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि इनमें अधिकांश में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई है. आवासीय बिल्डिंग में ही आवास और दुकान से लेकर गोदाम तक बनाए गए हैं. कोचिंग व हॉस्टल भी चल रहे हैं. तारों का मकडज़ाल भी है. अधिकांश बिल्डिंग में फायर सिस्टम भी नहीं लगे हैं.