मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोन उनके पास आता है, मैं जब चाहूं उनके साथ मिलकर आगे बढ़ जाऊं: प्रशांत किशोर 

 

'बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश में लगे प्रशांत किशोर ने एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ी बात कह दी है. उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का फोन उनके पास आता है. पीके ने कहा कि यह कौन नहीं जानता है कि दिल्ली में नीतीश कुमार हमसे आकर मिले थे. यहां भी पदयात्रा से पहले मुझे बुलाया था. मैं जब चाहूं उनके साथ मिलकर आगे बढ़ जाऊं पर ऐसा नहीं करूंगा.

मीडिया से बात हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके शासनकाल के लिए जमीनी स्तर पर लोग अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं. वे बिहार के किसी गांव में बिना सुरक्षा और सरकारी अमला के पैदल नहीं चल सकते. राज्य में अफसरशाही, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है. बिना पैसा दिए एक काम नहीं होता है. अगर लालू जी का शासनकाल अपराधियों का जंगलराज था तो नीतीश कुमार का शासनकाल अधिकारियों का जंगलराज है. 2014 के नीतीश कुमार और 2017 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया था, लेकिन 2020 में विधानसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद भी कुर्सी पर किसी तरह बने हुए हैं.

आगे प्रशांत किशोर ने विशेष राज्य के दर्जे को लेकर नीतीश कुमार पर तंज करते हुए कहा कि,  नीतीश कुमार जब भाजपा के साथ होते हैं तब उन्हें विशेष राज्य के दर्जे की याद नहीं आती. भाजपा से अलग होते ही वे विशेष राज्य के दर्जे की मांग करने लगते हैं.