द्रौपदी मुर्मू को मिला चिराग पासवान का समर्थन
 

 

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी की घोषणा की. वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने आखिरकार आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर द्रोपदी मुर्मू का समर्थन करने का ऐलान कर दिया. 

आपको बता दें कि चिराग पासवान ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, "आदिवासी समाज से आने के बावजूद भी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने आज जो मुकाम हासिल किया है यह उनकी काबिलियत एवं संघर्ष का ही परिणाम है. समाज के वंचित वर्ग से देश के सर्वोच्च पद की दावेदारी...करोड़ों भारतीयों के लिए प्रेरणादायक है."

एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि, "NDA के द्वारा श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जाना हमारे लिए गर्व की बात है. देश में ऐसा पहली बार होगा जब एक आदिवासी समाज से आने वाली बेटी देश के सर्वोच्च पद का दायित्व ग्रहण करेगी. लोजपा (रामविलास) भाजपा के इस फैसले का पूर्ण रूप से समर्थन करती है."

वैसे मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चिराग पासवान से फोन पर बात कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए समर्थन मांगा. रक्षा मंत्री ने कहा कि वह एनडीए का हिस्सा हैं और आगे भी रहेंगे. राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री भी चाहते हैं कि चिराग एनडीए में ही रहें. 

द्रौपदी मुर्मू  की बात करे तो वो 20 जून 1958 को ओडिशा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार में उनका जन्म हुआ था. द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वह 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद चुनी गई थीं. राजनीति में आने के पहले वह श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी है. वह ओडिशा में दो बार विधायक रह चुकी हैं और उन्हें नवीन पटनायक सरकार में मंत्री पद पर भी काम करने का मौका मिला था. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के गठबंधन की सरकार थी. ओडिशा विधानसभा ने द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए नीलकंठ पुरस्कार से भी नवाजा था.