JDU ने RCP सिंह पर अकूत संपत्ति जुटाने का लगाया आरोप, अब मांगा हिसाब
 

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के नेताओं के मुंह से आप अक्सर जीरो टॉलरेंस की बात सुनते है. लेकिन नीतीश सरकार ने अपनी इस नीति के तहत अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रहे आरसीपी सिंह पर जांच बिठा दी है. जी हां पार्टी की ओर से आरसीपी सिंह को शो कॉज नोटिस भेजा गया है. ये नोटिस नालंदा जिले के जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष के आरोप पर भेजा गया है। इस नोटिस को देखें तो जेडीयू ने आरसीपी सिंह पर परोक्ष रूप से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. बता दें आरसीपी सिंह पर जेडीयू में रहते अकूत संपत्ति जुटाने का आरोप है.

आपको बता दें कि जेडीयू बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के द्वारा आरसीपी सिंह को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि, नालंदा जिला के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है. जिसमें यह उल्लेख है कि अब तक उपलब्ध जानकारी के अनुसार आपके एवं आपके परिवार के नाम से वर्ष 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित की गई है. जिनमें कई प्रकार की अनियमितताएं दृष्टिगोचर होती हैं. आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकार एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं . आपको पार्टी के नेता ने दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव और राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया. आगे लिखा है कि आप इस बात से अवगत हैं कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं और इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कोई दाग नहीं लगा और ना उन्होंने कोई संपत्ति नहीं बनाई; इसलिए निर्देशानुसार पार्टी आपसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं . 

जानकारी के अनुसार  जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के द्वारा जो नोटिस आरसीपी सिंह को भेजा गया है उसमें आरसीपी सिंह के द्वारा खरीदी गई संपत्ति का भी जिक्र किया गया है. अपने नोटिस में जदयू ने यह आरोप लगाया है कि आरसीपीसी सिंह ने नालंदा जिला के दो प्रखंड में 40 बीघा जमीन खरीदी और जमीन के इस खेल में दान में जमीन लेकर उसका खरीद बिक्री किया गया. साथ ही इन सभी संपत्तियों का जिक्र चुनावी हलफनामे में नहीं किया गया.