बिहार के स्कूलों में छुट्टी को लेकर हम ने बीजेपी को दिया जवाब, कहा- शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो किसी के पेट में दर्द क्यों हो रहा
 

 

बिहार के सीमांचल इलाके में काफी संख्या में स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी होने का मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इस मामले को लेकर जेडीयू और बीजेपी में बयानबाजी का दौर जारी है. इतना ही नहीं इस मामले में अब हम पार्टी ने भी एंट्री कर ली है. हम ने कहा कि,  बिहार के सरकारी स्कूलों में जिस तरह से पढ़ाई चल रही है उसी तरह चलेगी, किसी के कहने पर उसमें कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है.

हम पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर उर्दू स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो किसी और के पेट में दर्द क्यों हो रहा है. जिन लोगों को ऐसा लग रहा है कि बिहार के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी हो रही है तो यही सवाल जम्मू-कश्मीर में क्यों नहीं पूछते हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सभी स्कूल-कॉलेजों में शुक्रवार को ही छुट्टी होती है.

वैसे बता दें इस मामले को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा कहा था कि सरकारी छुट्टियां धर्म को देखकर  नहीं होती हैं. अगर ऐसा होता है तो यह घोर सांप्रदायिक निर्णय है इस निर्णय को वापस लेना चाहिए. राकेश सिन्हा ने टर्की का उदाहरण दिया और कहा कि मुस्लिम बहुल देश टर्की में जहां 99% मुसलमान हैं. वहां शुक्रवार की छुट्टी बदलकर रविवार कर दी गई है. भारत में अगर उल्टी गंगा बहाने की कोशिश होगी तो यह संभव नहीं है. अगर ऐसा होता है, तो यह गलत है. सरकार को अविलंब जांच कर जिन लोगों ने निर्णय किया है उस पर कार्रवाई करनी चाहिए. 

इसी बयान का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि, उर्दू विद्यालयों में छुट्टी- वाकई जरूरी मुद्दा है या अनावश्यक विवाद बनाने की कोशिश.  छुट्टी पर आपत्ति करने वाले महानुभावों, आप सभी को पता तो होना चाहिए कि शुक्रवार को सिर्फ उर्दू विद्यालयों में ही अवकाश नहीं होता है, संस्कृत महाविद्यालयों में भी प्रत्येक महीना के प्रतिपदा और अष्टमी को छुट्टी रहती है. नहीं मालूम है तो संस्कृत विश्वविद्यालय के इस कैलेंडर का अवलोकन कर अपना ज्ञान बढाईए, प्लीज।