पटना पहुंचते ही चिराग ने पीएम और वित्त मंत्री को कहा धन्यवाद, बोले- बिहार की मांग पूरी हुई 

 

22 जुलाई को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के तरफ से देश का आम बजट पेश किया गया। इस बजट में बिहार का विशेष ध्यान रखा गया। विपक्ष अभी भी विशेष राज्य के दर्जे को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है। इन्हीं सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि मुझे राजद और कांग्रेस पर आश्चर्य होता है। क्या राजद को खुशी नहीं हुई कि बिहार को एक बड़ी राशि आवंटित की गई है। बिहार को जब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता है, तब तक विशेष बिहार को पैकेज मिलना चाहिए। चिराग ने कहा कि धन्यवाद करता हूं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री का। उन्होंने बिहार के लिए इतना दिया है। बिहार और बिहारी की मांग को सुना गया है। उस मांग को पूरा किया गया है, जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं। ये वही लोग हैं, जो बिहार का विकास नहीं चाहते।

विधानसभा के मानसून सत्र में तेजस्वी यादव के शामिल नहीं होने पर जवाब देते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वह क्यों नहीं आए। इसकी जानकारी तो मुझे नहीं है। लेकिन, इतना तो जरूर है कि नेता प्रतिपक्ष का पद काफी महत्वपूर्ण होता है। विधानसभा का कोई भी सत्र हो उसकी गंभीरता होती है। नेता प्रतिपक्ष को उसमें जरूर शामिल होना चाहिए। उनको यह समझना चाहिए कि वह महज एक विधायक नहीं हैं। बल्कि संविधानिक पद पर हैं। इस पद की एक गरिमा होती है। इसलिए उनको शामिल होना चाहिए। ममता बनर्जी की नीति आयोग में माइक बंद करने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि यह गलत आरोप है। किसी भी बैठक में इस तरह के काम नहीं होते हैं। माइक सामने लगी होती है। किसी के हाथ में उसकी कमान नहीं होती है। वो सरासर झूठ बोल रहीं थी। वहां समय की बाध्यता थी, इसलिए जब उनका समय खत्म हुआ तो उनको रिमाइंडर किया गया।

इसके बाद जिस तरह से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एकदम से उत्तेजित हो गईं। बैठक को बीच में छोड़कर चली गई। यह आचरण गलत है। अगर आपको अपनी बात रखनी है। कोई नाराजगी भी है तो आप वहीं पर नाराजगी को रखनी चाहिए। आपको बोलना था कि हमें और बोलना है। हम सब भी वहां मौजूद थे। चिराग पासवान ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं उनको सुनना चाहते थे। वित्त मंत्री वहां पर मौजूद थी। वह भी चाहती थी कि वो बजट को लेकर अपनी बातों को रख रही हैं। लेकिन जिस तरीके से उनका आचरण था। इससे ऐसा लगता है कि विपक्ष पहले से ही यह सोच समझ कर आए थे कि वो इस मामले को डायवर्ट करेंगे।