देवेश चंद्र ठाकुर की जगह लेंगे अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा के साथ परिषद भी संभालेंगे बीजेपी नेता

 

गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अवधेश नारायण सिंह को बिहार विधान परिषद का कार्यकारी सभापति बनाने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहमति दे दी है। जेडीयू नेता और पूर्व सभापति देवेश चंद्र ठाकुर के सीतामढ़ी लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद यह पद खाली है। तीन बार के एमएलसी ठाकुर ने लगभग दो वर्षों तक पद पर रहने के बाद 14 जून को विधान परिषद चेयरमैन का पद छोड़ दिया था। एनडीए सरकार के दौरान जून 2020 से अगस्त 2022 तक अवधेश नारायण सिंह पहले भी विधान परिषद सभापति रह चुके हैं। उस समय विधानसभा में विजय सिन्हा स्पीकर थे।

जब 2022 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार बनाई तो स्पीकर का पद आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी को मिला और परिषद में सभापति का पद जेडीयू के देवेश चंद्र ठाकुर को मिला। अब जब नीतीश फिर एनडीए में लौट आए हैं तो पुराने फॉर्मूले पर विधानसभा के स्पीकर के बाद विधान परिषद में सभापति का पद भी बीजेपी के नेता को मिलने जा रहा है. विधानसभा में बीजेपी के नंद किशोर यादव स्पीकर हैं.

देवेश चंद्र ठाकुर ने महागठबंधन सरकार के दौरान कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर अवधेश नारायण सिंह की जगह लेते हुए अध्यक्ष का पद संभाला था। अब तस्वीर बदल गई है। भाजपा और जेडीयू के बीच बनी सहमति के मुताबिक इस बार अवधेश सिंह पूर्णकालिक सभापति बनेंगे।

अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी जो भी उचित समझे, वो उस जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वो एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता हैं और पार्टी जो भी काम सौंपेगी उसके लिए वो तैयार हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक ने कहा कि अवधेश को 20-22 जुलाई को शुरू होने वाले विधानमंडल के के मानसून सत्र के दौरान पद पर बिठाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उपसभापति का पद जेडीयू को जाएगा. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और शिक्षाविद्द राम वचन राय का डिप्टी चेयरमैन चुना जाना तय है

विपक्षी दल के नेताओं के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री से परंपरा के अनुरूप विपक्षी दल के नेता को उप-सभापति बनाने का आग्रह किया है। आरजेडी विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि उप-सभापति का पद विपक्षी दलों के लिए छोड़ने की परंपरा है। हमें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री परंपरा का पालन करेंगे।