दफ्तर को लेकर चिराग और पारस में रार, नीतीश के मंत्री ने कहा- 2 साल से नहीं मिला था किराया

 

पटना स्थित रामविलास पासवान के दफ्तर पर भतीजे चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के झगड़े में अब नीतीश सरकार भी कूद गई है। रालोजपा के अध्यक्ष पशुपति पारस के आरोपों पर नीतीश के मंत्री ने पलटवार किया है। भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने रालोजपा का कार्यालय आवंटन रद्द किए जाने पर कहा कि सरकारी नियमावली के तहत कार्रवाई हुई है, राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है।  उन्होंने यह भी बताया कि रालोजपा को आवंटित आवास का किराया बीते दो वर्षों से बकाया था। ये जानकारी मंत्री जयंत राज ने बुधवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।

 

इससे पहले आरएलजेपी के दफ्तर को चिराग पासवान को आवंटित किए जाने के खिलाफ पशुपति पारस की पार्टी ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। और याचिका दाखिल की है, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। आपको बता दें आपको बता दें नीतीश सरकार ने इस दफ्तर को अब चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को आवंटित कर दिया है। नीतीश सरकार ने पशुपति पारस की रालोजपा को नोटिस जारी कर पटना वाला यह दफ्तर खाली करने को कहा था। 

 

भवन निर्माण विभाग ने बताया था दफ्तर का नवीनीकरण साल 2019 से लंबित है। नियमों के अनुसार राजनीतिक दलों को दो साल के लिए कार्यालय चलाने के लिए भवन आवंटित किया जाता है। अगर इसे आगे बढ़ाना है तो पार्टियों को हर बार रिन्यू कराना होता है। पशुपति पारस की ओर से व्हीलर रोड वाले दफ्तर को एक बार भी रिन्यू नहीं कराया गया। साथ ही अब दो साल से किराया नहीं देने की बात भी कही है। इस कारण उन्हें भवन खाली करना पड़ा, जिसे अब चिराग पासवान की पार्टी को आवंटित कर दिया गया है।

वहीं चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) की ओर से  4 जुलाई 2024 को पार्टी कार्यालय के आवासीय परिसर के उपयोग के लिए अनुरोध किया गया था। जिसे नीतीश सरकार ने स्वीकार करते हुए यह परिसर आवंटित करने के संबंध में कार्यालय से आदेश जारी किया था। कुछ दिनों पहले चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात भी थी। जिसमें बिहार में ढहते पुलों और नौकरियों को लेकर चर्चा हुई थी।