बिहार यादवों की गोलबंदी के लिए CM मोहन ने चला दांव, भगवान कृष्ण की बात कर दिया बड़ा संकेत

 

मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव आज एक दिवसीय बिहार दौरे पर पटना पहुंचे.  श्री कृष्ण चेतना विचार मंच द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में उनके स्वागत में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें शामिल होने पर उनका गर्मजोशी के साथ अभिनंदन किया गया. कार्यक्रम में भारी संख्या में यादव समाज के लोग भी पहुंचे हुए थे.  जिनको संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने भगवान कृष्ण का खूब जिक्र किया. जानकारों की मानें तो उन्होंने अपने बयान के जरिए यादवों की गोलबंदी भाजपा के पक्ष में करने का पूरा प्रयास किया.

श्री कृष्ण चेतना विचार मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने कहा कि मां सीता की जन्मस्थली पर आकर मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं. इसके बाद उन्होंने लोगों से वृंदावन बिहारी लाल की जय का नारा लगवाया. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और बिहार का रिश्ता हजारों साल पुराना है. देश के शासन संचालन में मध्य प्रदेश की भूमिका हजारो साल पहले भी रहता थी.

सीएम मोहन यादव ने लोगों को शिक्षा की महत्ता भी बताई. उन्होंने कहा कि शिक्षा की बात की महत्ता समाज को बतानी चाहिए. शिक्षा के क्षेत्र में हमारा समाज जागृत है. इसका उदाहरण 5000 साल पुराना है. भगवान कृष्ण जब कंस का वध किया, भगवान श्री कृष्णा ऐसे महापुरूष हुए जिन्होंने राजा का वध किया लेकिन सिंहासन पर नहीं बैठे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर आपने गीता नहीं पढ़ी तो जीवन अधूरा है. गीता हमेशा मार्गदर्शन करते रहती है. भगवान कृष्ण हमारे वंश के तो हैं ही, लेकिन उनकी पहचान अधर्मियों को नाश करने की है. जिसने भी धर्म का रास्ता छोड़ा, भगवान श्री कृष्णा धर्म की स्थापना के लिए कदम आगे बढ़ाए.

मोहन यादव ने आगे कहा कि लोकतंत्र को जिंदा रखने में सच्चे अर्थ में हमारे समाज की बड़ी भूमिका है. अपने समाज की सेवा के साथ-साथ प्रदेश और राष्ट्र आगे बढ़ाएं, हम लोग यही काम करते हैं.श्री कृष्णा सच्चाई के रास्ते पर चले, हम सभी को उसी रास्ते पर चलना है. वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के माध्यम से काम करने का मौका मिला है.पिता ने कड़ा संघर्ष कर हमें संस्कार दिया और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें मौका दिया है. मैं मध्य प्रदेश में शिक्षा मंत्री बना था. हमारी शिक्षा नीति ऐसी होनी चाहिए जिसमें अतीत से प्रेम हो, सनातन संस्कृति के लक्षण दिखाई पड़े और भविष्य की पीढ़ियां तैयार हों.