गोपाल यदुका हत्याकांड की CBI जांच की मांग, पप्पू यादव बोले- NDA और INDIA वाले कर रहे राजनीति 

 

पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भवानीपुर के गोपाल यादुका हत्याकांड के अनुसंधान पर सवाल खड़ा किया है और इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है। सांसद ने रविवार को अर्जुन भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इतने बड़े मर्डर मिस्ट्री को इंडिया और एनडीए के बीच राजनीतिकरण किया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पीड़ित के परिवार के लोग डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के लोगों ने उन्हें जो बताए उससे लगता है कि प्रशासनिक दबाव काफी ज्यादा है। 

 

सांसद पप्पू यादव ने बताया कि पीड़ित परिजनों का मानना है कि जो तथ्य सामने आए हैं वह गलत है। संजय भगत इसमें कहीं नहीं है। मृतक गोपाल यादुका के साथ संजय भगत जमीन का कारोबार करते थे। संजय भगत को जिनसे कमाई होगी उनको भला वो क्यों मारेगा? सांसद ने बताया कि गिरफ्तार विकास यादव और विशाल राय के मसले पर भी पारदर्शी अनुसंधान नहीं हो पाया है। दोनों की जमकर पिटाई की गई है। दोनों की हालत जेल में ठीक नहीं है। अनुसंधान एक ही दिशा की ओर क्यों चल रही है? 

उन्होंने कहा 5 महीना पहले धमदाहा में जमीन मसले को लेकर पंचायती हुई थी। इस पंचायती में जो लोग थे उस तरफ अनुसंधान नहीं जा रहा। सांसद ने कहा कि इस मर्डर मिस्ट्री में पुलिस ने 5 लाख के डील और मटन पार्टी की बात कही है उसमें हथियार भी बरामद नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से हो और जो इस कांड में संलिप्त पाए जाएंगे उसे सजा जरूर मिले। सांसद ने कहा कि मृतक के दोनों भाइयों से उनकी बातचीत हुई है। दोनों भाई को शंका है कि हमें मरवा देगा। पीड़ित परिजनों ने डर से अपने बच्चों को भी घर से बाहर भेज दिया है।

 

सांसद पप्पू यादव ने बिहार के डीजीपी से स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन करके जांच का आग्रह किया। पूर्णिया एसपी से कहा कि आम लोग न्याय की आस में है। संजय भगत इसमें नहीं है। उसे मोहरा बनाया गया है।

सांसद ने कहा कि उनकी पूर्णिया के डॉक्टर से काफी देर तक मीटिंग हुई है जिसमें सहमति बनी है कि कोई भी पैथोलॉजी अथवा नर्सिंग होम सिर्फ डॉक्टर ही चलाएंगे अन्यथा फर्जी संस्थाओं को नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने 2 महीने की मोहलत देते हुए कहा है कि ऐसे फर्जी संस्थान हटा ले। पैथोलॉजी चलाने के लिए पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर चाहिए। उन्होंने कहा कि सिविल सर्जन के ऑफिस में व्याप्त भ्रष्टाचार की भी जांच की जाएगी। बीपीएल धारी रोगी के लिए अर्जुन भवन से पत्र लिखा जाएगी और पूरे इलाज में 30 प्रतिशत की छूट दिलाई जाएगी। बीपीएल धारी के लिए फिजिशियन का फीस य्500 और सर्जन की फीस य्300 रहेगा। उनके लिए एक्स-रे य्200 में और सीटी स्कैन य्1200 में होगा। फर्जी आईसीयू भी नहीं चलेगा। फर्जी नर्स के माध्यम से जच्चा बच्चा के इलाज की दलाली नहीं चलने दी जाएगी।

जिस डॉक्टर के यहां इलाज चल रहा है उसी के अस्पताल से दवाई खरीदने की बाध्यता नहीं होगी। किसी भी सूरत में मरीज के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। जिले में म्यूटेशन और रजिस्ट्री में दलाली की भी जांच की जाएगी।