लैंड सर्वे को लेकर विभाग का आदेश, सर्वे के दौरान जमीन मालिक का रहना जरूरी नहीं
बिहार में चल रहे लैंड सर्वे को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने नया आदेश जारी किया है। इसमें जमीन वेरिफिकेशन के समय रैयत धारी को फिजिकली मौजूद नहीं होना होगा। विभाग के अनुसार अगर कोई व्यक्ति खुद नहीं आ सकता है, तो किसी भरोसेमंद या अपने किसी प्रतिनिधि को सर्वे के दौरान भेज सकता है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए इसे अनिवार्य नहीं बताया है।
विभाग के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति स्वयं नहीं आ सकता है, तो उनके किसी भरोसेमंद तथा अधिकृत प्रतिनिधि के जमीन पर उपस्थित रहने से सर्वे कर्मियों को पहचान में सुविधा होगी। प्रतिनिधि भेजने की भी कोई अनिवार्यता नहीं रखी गई है, लेकिन किसी की मौजूदगी से जमीन के भूखंड को पहचानने में सर्वे कर्मियों को सुविधा होगी।
आदेश में कहा गया है कि समस्या के समाधान के लिए रैयतों के लिए कुछ सामान्य अनुदेश जारी किए गए हैं। इसमें क्या आवश्यक है या क्या नहीं। इसकी अलग से जानकारी दी गई है। विभाग का मकसद जमीन सर्वे को लेकर लोगों के बीच इन चीजों को लेकर संशय की स्थिति दूर करना है।
आदेश में आगे कहा गया है कि जमीन यदि खरीदी गई है या किसी से बदला गया है तो दस्तावेज की कॉपी दें। यदि किसी पूर्व में विवादित जमीन कोर्ट का फैसला हो तो उसकी भी कॉपी अटैच करना होगा। बंदोबस्त भूमि या भूदान प्रमाणपत्र की कॉपी भी देनी होगी। जमाबंदी रैयत जीवित है, तो सिर्फ स्वघोषणा प्रपत्र-2 दें। इसमें वंशावली की जरूरत नहीं होगी।
वहीं, विभाग ने सर्वे से जुड़ी किसी तरह की समस्या या शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर 18003456215 जारी किया गया है। इस पर सबसे ज्यादा सवाल वंशावली, खतियान, राजस्व रसीद के संबंधित पूछे जा रहे हैं।