भागलपुर में बोले गिरिराज सिंह, हिन्दू स्वाभिमान यात्रा दंगा करने के लिए नहीं, बल्कि रोकने के लिए निकाली गई

 

हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर निकलने से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को भागलपुर के जिला स्कूल मैदान में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान यात्रा को लेकर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि सब पूछते हैं भागलपुर क्यों चुना? भागलपुर ऐतिहासिक जगह है, जब भी किसी ने ललकारा है भागलपुर ने भरपूर जवाब दिया है. पूछते हैं सीमांचल क्यों चुना? बाबा साहब अंबेडकर की बात मान ली गई होती तो मीडिया वाले ये सवाल हमसे नहीं पूछते क्योंकि बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि 'टोटल पॉपुलेशन मुसलमान का पाकिस्तान भेज दो, टोटल हिंदू पाकिस्तान से हिंदुस्तान आ जाए.'


आगे उन्होंने कहा कि नेहरू को तो वोट चाहिए था, नेहरू ने बाबा साहब की बात नहीं मानी, बाबा साहब ने कहा था कि 'मेरी बात नहीं मानोगे तो याद रखना भारत में कभी भी सामाजिक समरसता नहीं बना रहेगा'. आज मैं यह देख रहा हूं 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हमारे हिंदू भाई कहां चले गए? आज भागलपुर में भी हमारी जनसंख्या गिर गई है, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज में भी जनसंख्या कम हो गई है. सब लोग हमारे पूजा पद्धति पर भी आंख लगाए बैठे हैं, यात्रा इसलिए है, मैं आपको चेताने आया हूं. जब तक देश में सनातन बहुसंख्यक हैं तब तक ही देश सुरक्षित है. मस्जिदे 3000 से बढ़कर पांच लाख हो गई. हमने तो कभी आवाज नहीं उठाई. हमने तो ताजिया में लाठी साथ साथ भांजा, कभी एक पत्थर नहीं देखा लेकिन आज सीतामढ़ी हो या बिहार शरीफ, दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन में प्रॉब्लम हो रहा है. यह यात्रा है अपने अस्तित्व को बचाने के लिए, भाई-भाई को एक करने के लिए है जिसे वोट के सौदागरों की नजर न लगे.

गिरिराज सिंह ने कहा कि बहराइच में रामगोपाल को गोलियों से भून दिया गया. आज हमें दुर्गा मूर्ति के विसर्जन के लिए समय और रूट मांगना पड़ रहा है, क्या इसी दिन के लिए देश का बंटवारा हुआ था? यह एक सोची समझी रणनीति थी. ओवैसी जब बोलते हैं तो पीड़ा होती. मैं पूछता हूं कि लेबनान में नसरुल्ला को इसराइल मारता है तो हैदराबाद के भाईजान मुंबई पहुंच जाते हैं, पूरे देश में दर्द होने लगता है, मैं पूछता हूं कि पाकिस्तान में हमारी बेटी शादी के मंडपों से उठ गई लेकिन हमें तो पेट में कभी दर्द नहीं हुआ, मैं पूछना चाहता हूं जब बांग्लादेश में मंदिरों को तोड़ दिया जाता है तब तो किसी की नींद नहीं खुलती.