मैं वही हिस्सा मांग रहा, जो नीतीश कुमार ने लालू यादव से साल 1994 में मांगा गया था: उपेंद्र कुशवाहा 
 

 

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीच तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई है. वहीं आज उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर नीतीश कुमार पर जुबानी प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना कर झुनझुना थमा दिया. एमएलए, एमएलसी और राज्य सभा के एमपी का चुनाव हुआ, लेकिन एक बार भी उनसे सुझाव नहीं लिया गया. अति पिछड़ा समाज की पार्टी के प्रति आकर्षण घटा है. पार्टी इनकी अनदेखी की कर रही है. एमएलसी के पद के नाम पर लॉलीपॉप थमाया गया.

जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार और पार्टी पर जुबानी हमला किया है. कुशवाहा ने एमएलसी बनाए जाने पर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा सरकारी नौकरी नहीं कर रहा है. राजनीति कर रहा है. एमएलसी का पद देकर लॉलीपॉप थमा दिया गया है. जेडीयू ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को बहुत इज्जत दी. मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, मुझे एमएलसी बनाया गया. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद एक झुनझुने जैसा था क्योंकि संसदीय बोर्ड के लिए कोई अधिकार पार्टी के संविधान में नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं दिया. यह हिस्सा वही है जो लालू यादव से साल 1994 में मांगा गया था. आज वही हिस्सा मैं नीतीश कुमार से मांग रहा हूं. अगर वह कहते हैं कि वह स्नेह करते हैं तो वह एक तरफ प्रेम की बात कह रहे और दूसरी तरफ भगा भी रहे हैं. 

उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि, मैंने जरूर कई सुझाव दिए लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया. यदि गलत हो तो राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह खंडन कर सकते हैं. मैंने सुझाव दिया कि अति पिछड़ा समाज से राज्यसभा या विधान परिषद भेज दें, जिससे इस वर्ग में मैसेज जाए लेकिन मेरी बात नहीं मानी गई. वहीं सोमवार को हुए हमले पर कुशवाहा ने कहा कि, आरा में मुझपर हमला हुआ. इसका वीडियो है. बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव इसकी जांच करें.