मनीष कुमार वर्मा बने JDU के राष्ट्रीय महासचिव, मुख्यमंत्री के करीबी हैं रिटायर्ड IAS

 

रिटायर्ड IAS मनीष वर्मा जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए हैं। दो दिन पहले मंगलवार को ही वे जेडीयू में शामिल हुए थे। मनीष वर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। वे सीएम नीतीश के अतिरिक्त परामर्शी थे। 

राष्ट्रीय महासचिव बनने पर मनीष वर्मा ने सीएम नीतीश का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जिम्मेदारी है। हमारे ऊपर विश्वास जताया है। आगे विधानसभा का चुनाव है। उसमें एक डेढ़ साल बचा है। उसके लिए काम करेंगे।

2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा न केवल नीतीश कुमार के यसमैन हैं बल्कि उनके गृहजिले नालंदा के ही हैं। ये उसी जाति(कुर्मी) से आते हैं जिस जाति के नीतीश कुमार हैं। मनीष वर्मा ओडिशा कैडर को छोड़ 2012 में इंटर स्टेट डेप्युटेशन करा कर बिहार आ गए थे। इसके बाद से ये लगातार नीतीश कुमार के करीब हैं।

बिहार आते ही इन्हें पहले पूर्णिया इसके बाद पटना जैसे अहम जिले का डीएम बनाया गया था। इसके अलावा मनीष कुमार वर्मा को परियोजना निदेशक ,बिहार आपदा पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण सोसाइटी और बिहार राज्य योजना पर्षद के सचिव का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

2022 में वापस ओडिशा लौटने की उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाकर वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया और फिर वापस बिहार आ गए। तब से लगातार नीतीश कुमार के लिए काम कर रहे हैं।


JDU का दामन थामने के बाद पूर्व आईएएस मनीष वर्मा ने कहा था कि 21 साल नौकरी करने के बाद मुझे लगा कि अब बिहार की जनता की सेवा किया जाए इसलिए वीआरएस लेकर जनता दल यूनाइटेड के साथ आ गये हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि पहले मैं दिल से जनता दल यूनाइटेड के साथ था और आज इस दल में ही शामिल हो गये हैं। जनता दल यूनाइटेड के परिवार का सदस्य बनकर राज्य की जनता के हित के लिए काम करूंगा और पार्टी जो भी जिम्मेवारी देगी उसका बखुबी पालन करूंगा। 

मनीष वर्मा ने कहा था कि हमने लालटेन युग में पढ़ाई की थी। लालटेन युग में लालटेन को साफ करते-करते आईएएस बन गए। नीतीश कुमार जब बिहार के मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने बिहार का अंधकार से प्रकाश में लाने का काम किया। अगर आज बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण ही समाजवाद जिंदा है।