बिहार में हुई पीठासीन अधिकारियों की बैठक, 5 संकल्प पारित हुए, जानिए लोकसभा अध्यक्ष ने क्या कहा 

 

पटना में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के 85 वें सम्मेलन में पांच संकल्प पारित हुए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। सभी विधायी संस्थाओं के पीठासीन अधिकारी सदन में बाधा रहित चर्चा सुनिश्चित करेंगे। ताकि जनहित में श्रेष्ठ संवाद का वातावरण बने। यह भी संकल्प लिया गया कि संविधान के मूल्यों के प्रति जवाबदेह बनाने के लिए पंचायत और नगर निकाओं में भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा। ओम बिरला ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल बाधित न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए कोई व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जाएगा।

इससे पहले लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सम्मेलन में लिए गए निर्णय और संकल्प देश के लोकतंत्र को सशक्त करेंगे। साथ ही जनता के प्रति और जिम्मेवार बनाएंगे। इसी से जनता की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे। वहीं इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों का निर्वहन हो यह हम सबकी जिम्मेदारी है। पटना में दो दिनों के सम्मेलन से संवैधानिक मूल्य मजबूत होगा। उन्होंने पंजाब और असम विधानसभा के अध्यक्षों द्वारा दिए गए सुझाब को उद्धरित करते हुए कहा कि इनके द्वारा किए जा रहे नवाचार पर विचार किया जाना चाहिए।

संविधान सभा की डिबेट का जिक्र करते हुए राज्य सभा के उपसभापति ने कहा कि अलग अलग भाषा, जाति, धर्म और संस्कृति के सदस्य होते हुए भी सभी निर्णय सहमति से लिए गए थे। डिबेट में कभी कोई हल्ला-हंगामा नहीं हुआ। वहीं राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि राजनीति का मतलब त्याग, ज्ञान प्राप्त करना संस्कारी होना और सभी को अपने दिल में समाहित करने की क्षमता है। पीठासीन पदाधिकारियों से कहा कि लोक कल्याण और लोक संग्रह के लिए आपको काम करना है ताकि हर व्यक्ति तक न्याय पहुंच सके, जो स्वार्थ के लिए काम करते हैं वे अज्ञानी हैं।