सांसद-MLA फंड और कमीशन पर मांझी का विस्फोटक खुलासा, बोले—सब लेते हैं, हमने भी पार्टी को दिया है पैसा

 

Bihar politics: केंद्रीय मंत्री और हम (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। रविवार को गयाजी में आयोजित पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों के सम्मान समारोह के दौरान मांझी ने राजनीति, फंड और कमीशन को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसने सियासी हलकों में हलचल बढ़ा दी है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मांझी ने कहा कि देश में शायद ही कोई सांसद या विधायक होगा जो कमीशन नहीं लेता हो। उन्होंने दावा किया कि एक सांसद को हर योजना के तहत करीब पांच करोड़ रुपये मिलते हैं और यदि इसमें 10 प्रतिशत कमीशन की बात की जाए तो यह रकम लगभग 40 लाख रुपये बैठती है। मांझी ने मंच से यह भी कहा कि उन्होंने खुद कई बार पार्टी को कमीशन के पैसे दिए हैं और सुझाव दिया था कि इन्हीं पैसों से गाड़ी जैसी जरूरतें पूरी कर ली जाएं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि अगर पार्टी के कुछ नेता ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो इसके लिए पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2026 में भी पार्टी को पैसों की कोई कमी नहीं होगी। सांसद फंड से मिलने वाली राशि का जिक्र करते हुए मांझी ने कहा कि अगर इस बार भी फंड का सही इस्तेमाल हुआ तो पार्टी को करीब 80 लाख रुपये तक मिल सकते हैं, जो कोई छोटी रकम नहीं है।

मांझी यहीं नहीं रुके। उन्होंने नेताओं को सलाह देते हुए कहा कि अगर 10 प्रतिशत कमीशन लेना संभव न हो, तो कम से कम 5 प्रतिशत तो लिया ही जाए और उसी हिसाब से काम किया जाए। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि ताकत और संसाधन मौजूद हैं, बस इरादा मजबूत होना चाहिए।

कार्यक्रम में अपेक्षाकृत कम भीड़ को लेकर भी मांझी ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि अगर जिला अध्यक्ष पांच बसों की व्यवस्था कर देते और उस पर दो लाख रुपये खर्च होते, तो पूरा स्टेडियम भर सकता था। मांझी ने तंज कसते हुए कहा कि सभी पार्टियां यही करती हैं, अपने लोगों को लाती हैं, घुमाती हैं, खिलाती हैं और इसमें कुछ लाख खर्च हो ही जाते हैं।

आने वाले चुनावों को लेकर मांझी ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि पार्टी का लक्ष्य 100 सीटें जीतने का होना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे अलग झंडे के साथ ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा लगाते हुए आगे बढ़ेंगे। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष से तैयारी में जुट जाने को कहा और दावा किया कि उनका समाज पूरी मजबूती से उनके साथ है, साथ ही अन्य समाजों का भी समर्थन मिल रहा है।

मांझी का यह बयान अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और विपक्ष के साथ-साथ सत्तापक्ष में भी इसे लेकर प्रतिक्रियाएं आने की संभावना है।