केजरीवाल की हठधर्मी से निगम चुनाव बना लोकतंत्र का मुद्दा, भाजपा ने चुनाव जीतकर लोकतंत्र की रक्षा की है : वीरेंद्र सचदेवा

 
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि आज दिल्ली नगर निगम सदन में स्थायी समिति के चुनाव के बाद समिति का गठन पूर्ण हो चुका है। अब अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को इस चुनाव में और रुकावट नहीं डालनी चाहिए ताकि दिल्ली नगर निगम के महत्वपूर्ण वित्तीय और प्रशासनिक फैसले लिए जा सकें।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लैंडफिल साइट के ठेके और डोर टू डोर कचरा एकत्रीकरण योजना जैसे कई आवश्यक कार्य स्थायी समिति न होने के कारण अटके हुए हैं। अब जबकि भाजपा के पास स्थायी समिति में बहुमत है, हम इन सभी आवश्यक कार्यों को तुरंत पूरा करना चाहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल की ज़िद के चलते दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति का चुनाव आंतरिक लोकतंत्र का मुद्दा बन गया था, और भाजपा ने इसे जीतकर लोकतंत्र की रक्षा की है। हमारा उद्देश्य सिर्फ चुनाव जीतना नहीं था, बल्कि स्थायी समिति का गठन कर जनसेवा के कार्यों को शुरू करवाना था।
सचदेवा ने आगे कहा कि 26 सितंबर को महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय द्वारा स्थायी समिति चुनाव की बैठक स्थगित होते ही आम आदमी पार्टी में आंतरिक कलह उजागर हो गई। भले ही उनके पास 250 सदस्यों में से 124 सदस्य हों, लेकिन सच्चाई यह है कि 10 से 15 पार्षद अरविंद केजरीवाल सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार से परेशान होकर चुनाव में भाग लेने नहीं आए। यदि "आप" चुनाव में भाग लेती, तो उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ सकता था, जिसे टालने के लिए केजरीवाल ने चुनाव का बहिष्कार किया।
सचदेवा ने कहा कि अगर आम आदमी पार्टी इस चुनाव में भाग लेती, तो दिल्ली को यह साफ़ हो जाता कि "आप" ने निगम में बहुमत खो दिया है, क्योंकि अगर बहुमत होता, तो केजरीवाल चुनाव से पीछे नहीं हटते।