बिहार में कांवड़ यात्रा के रूट पर नहीं लगेगी नेमप्लेट, मंत्री नितिन नवीन ने कही बड़ी बात 

 

बिहार में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर कांवड़ यात्रा के रूट की दुकानों में मालिकों के नाम की तख्ती लगाने की मांग उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और कुछ धार्मिक-सामाजिक संगठन नीतीश सरकार से श्रावण मास में यह नियम लागू करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, बिहार सरकार में बीजेपी कोटे से मंत्री नितिन नवीन स्पष्ट किया है कि राज्य में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों पर नेमप्लेट नहीं लगाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि अगर ऐसा करना भी है तो इसके लिए वैधानिक प्रक्रिया से गुजरना होगा।

 

बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री ने भागलपुर के सुल्तानगंज स्थित अजगैवीनाथ धाम पर श्रावणी मेले की तैयारियों का जायजा लिा। इस दौरान उन्होंने कहा स्पष्ट किया कि यूपी की तरह बिहार में कांवड़ दुकानदार नाम की तख्ती नहीं टांगेंगे। फिलहाल यूपी की तर्ज पर बिहार में कांवड़ मार्ग में दुकानदारों के नाम का बोर्ड नहीं लगाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति और परिस्थिति के मुताबिक ये निर्णय सरकार के स्तर से लिए जाते हैं। जैसा यूपी में लिया गया। मगर बिहार में ऐसा कुछ नियम बनाने की अभी कोई योजना नहीं है।

 

सुल्तानगंज का नाम अजगैवीनाथ धाम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि स्थलीय महत्व के आधार पर क्षेत्र का नामांकरण उचित है, लेकिन यह एक प्रक्रिया है। नगर परिषद से प्रस्ताव सरकार के पास गया है। विचार करने के बाद इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

एक दिन पहले बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने यूपी की तर्ज पर बिहार में भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम सार्वजनिक किए जाने की मांग की थी। एक हिंदूवादी संगठन की ओर से सुल्तानगंज से देवघर कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नेमप्लेट लगाने की मांग करते हुए पटना में रविवार को एक पोस्टर भी लगाया गया है। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान के बाहर उनके मालिकों के नाम लगाने का आदेश जारी किया था। इस पर देशभर में सियासी हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष के साथ ही बीजेपी की कुछ सहयोगी पार्टियों ने भी यूपी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोजपा रामविलास ने भी इसे समाज को बांटने वाला फैसला बताया।