एक दशक बाद राज्यसभा में NDA को बहुमत, महत्वपूर्ण विधेयकों पर निर्भरता खत्म

 

राज्यसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA ने आखिरकार बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया है, जिससे अब सरकार को विधेयक पारित कराने में विपक्षी दलों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। 9 राज्यों की 12 सीटों पर हुए उपचुनाव में बिना किसी विरोध के सभी उम्मीदवार चुने गए। इसमें NDA के खाते में 11 सीटें आईं, जबकि कांग्रेस ने एक सीट पर जीत दर्ज की। इन चुनावों में बीजेपी ने 9 सीटें, एनसीपी ने एक, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक और कांग्रेस ने एक सीट हासिल की है। 

राज्यसभा में एनडीए को मिली बड़ी राहत
NDA को राज्यसभा में बहुमत मिलने से अब सरकार के लिए महत्वपूर्ण विधेयकों को पास कराने में आसानी होगी। इससे वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे अहम कानूनों पर भी बिना किसी अड़चन के मुहर लग सकेगी। राज्यसभा में अब एनडीए के पास 112 सदस्य हैं, जिससे सदन की मौजूदा सदस्य संख्या 237 के हिसाब से बहुमत का आंकड़ा 119 तक पहुंचने में उन्हें खास परेशानी नहीं होगी।

राज्यसभा के नए निर्वाचित सदस्य
राज्यसभा के लिए निर्वाचित नए सदस्यों में असम से बीजेपी के मिशन रंजन दास और रामेश्वर तेली, बिहार से मनन कुमार मिश्रा, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्य शामिल हैं। इन नामों के साथ अब NDA का राज्यसभा में दबदबा और बढ़ गया है।

विपक्षी दलों की भूमिका
हालांकि, राज्यसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या भी बढ़कर 27 हो गई है, जिससे विपक्षी दलों के पास 85 सदस्यों का मजबूत गठबंधन है। कांग्रेस के सहयोगियों के साथ कुल 58 अन्य सदस्य भी हैं, जो विपक्ष की स्थिति को और मजबूत बनाते हैं। वहीं, 11 सदस्यों वाली वाईएसआर कांग्रेस और 8 सदस्यों वाली बीजेडी ने अब तक किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है।

महत्वपूर्ण विधेयकों पर निर्भरता खत्म
NDA पिछले दस सालों से राज्यसभा में बहुमत पाने के लिए प्रयासरत था, ताकि उन्हें बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, भारत राष्ट्र समिति और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों पर निर्भर न रहना पड़े। इससे पहले, विपक्ष की बड़ी संख्या सरकार के कई विधेयकों को पास करने में अड़चनें डालती रही थी, जिसे अब NDA की सफलता ने कम कर दिया है। सरकार ने पहले कई विधेयक बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस की मदद से पारित करवाया है।