सियासत का नया स्वर्ण अध्याय: रिकॉर्डधारी नीतीश कुमार को छोटू सिंह ने किया सम्मानित

 

Bihar News: बिहार की राजनीति इस बार इतिहास के ऐसे पड़ाव पर पहुँची है, जो देश में पहले कभी नहीं देखा गया। 2025 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को मिली प्रचंड जीत ने न सिर्फ सत्ता का समीकरण बदला, बल्कि कई नए कीर्तिमान भी रच दिए। स्वतंत्रता के बाद पहली बार किसी नेता ने दसवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर देश के राजनीतिक इतिहास में एक नई मिसाल कायम की—और यह उपलब्धि दर्ज हुई है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम।

नीतीश कुमार की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन ने उन्हें सम्मानित करते हुए बधाई संदेश भेजा है। इस अवसर पर बिहार राज्य नागरिक परिषद के महासचिव अरविंद कुमार उर्फ छोटू सिंह ने मुख्यमंत्री को माँ कामाख्या की चुनरी और महाकाल का प्रसाद भेंट कर शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि यह क्षण सिर्फ एक राजनीतिक उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे बिहार का गौरव है।

एनडीए की ऐतिहासिक जीत—243 में से 202 सीटें

2025 के चुनावी नतीजों ने बिहार की सियासत की तस्वीर पलट दी।
    •    बीजेपी — 89 सीटें
    •    जदयू — 85 सीटें
    •    लोजपा (रामविलास) — 19 सीटें
    •    हम (से) — 5 सीटें
    •    राष्ट्रीय लोक मोर्चा — 4 सीटें

कुल मिलाकर एनडीए ने 202 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से भी आगे का रिकॉर्ड बनाया। इसके उलट महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया।

छोटू सिंह ने कहा कि यह नतीजा साफ दिखाता है कि बिहार की जनता ने एक बार फिर स्थिर सरकार और एनडीए के नेतृत्व पर भरोसा जताया है।

गांधी मैदान बना ऐतिहासिक गवाह

प्रचंड जनादेश के बाद नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्रियों से लेकर एनडीए के सभी वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने इस पल को और भी ऐतिहासिक बना दिया। नई सरकार में सभी घटक दलों को प्रतिनिधित्व देकर एनडीए ने गठबंधन की एकजुटता का मजबूत संदेश दिया।

नीतीश की राजनीतिक यात्रा—एक नई ऊँचाई

लगातार सबसे लंबे समय तक बिहार के मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तो पहले ही नीतीश कुमार के नाम था। लेकिन दस बार शपथ लेने की उपलब्धि ने उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में एक अलग ही मुकाम पर पहुँचा दिया है। छोटू सिंह का कहना है कि यह सफलता उनके सुशासन, विकास मॉडल और एनडीए की संगठित रणनीति की उपज है।

बिहार की राजनीति के इस नए अध्याय ने यह स्पष्ट कर दिया है-नीतीश कुमार अब सिर्फ बिहार नहीं, बल्कि देश के राजनीतिक इतिहास की एक अनोखी पहचान बन चुके हैं।