नीतीश नहीं जानते राज्यपाल का नाम? जदयू से टूटे विनोद सिंह ने कांग्रेस में आते ही मचाया सियासी भूचाल

 

Bihar: बिहार की राजनीति में आज का दिन किसी सस्पेंस थ्रिलर की नई शुरुआत जैसा साबित हुआ। जदयू के पूर्व एमएलसी विनोद कुमार सिंह ने औपचारिक रूप से कांग्रेस का हाथ थाम लिया और आते ही नीतीश कुमार पर सीधे हमले बोल दिए  है। भाषा भी तल्ख़, और इशारे भी बेहद गंभीर।

विनोद सिंह ने कांग्रेस में शामिल होते ही बड़ा हुम्ला बोला है, उन्होंने कहा- अब जदयू पार्टी नहीं, कुछ लोगों की जेब की संस्था बन गई है। नीतीश कुमार को राज्यपाल का नाम तक नहीं मालूम है। विनोद सिंह ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए कहा कि बिहार की सत्ता अब नीतीश कुमार के पास नहीं है। सरकार रिटायर्ड अफसरों और RSS की लॉबी के हवाले है। कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों ने शासन की बागडोर पकड़ रखी है और लूट की खुली छूट दे दी गई है। यह बयान केवल आरोप नहीं, नीतीश की सत्ता-संवेदनशीलता पर सीधा सवाल है।

लोकतंत्र की घुटती सांस

विनोद सिंह ने नीतीश सरकार को नॉन-रेस्पॉन्सिव और बंद दरवाज़ों वाली सरकार करार देते हुए कहा कि, अब आम कार्यकर्ता की कोई अहमियत नहीं, सब कुछ चंद चेहरे तय कर रहे हैं। जदयू ने अपनी विचारधारा छोड़ दी है और बिहार की आत्मा से भी मुंह मोड़ लिया है।

नीतीश की नाव डगमगा चुकी है

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने इस घटनाक्रम को “जदयू में भगदड़ और बौखलाहट” बताते हुए कहा, बिहार में अराजकता, प्रशासनिक फेल्योर और अपराधों से परेशान नेता अब कांग्रेस की ओर आ रहे हैं। क्योंकि जनता के असली सवाल अब विपक्ष ही उठा रहा है। 

राजेश राम ने बलात्कार और अपराध के बढ़ते आंकड़ों को लेकर सरकार की जवाबदेही पर तंज कसा है। और कहा- सरकार कहती है ये सब ‘मौसम की वजह से हो रहा है’, इससे हास्यास्पद कुछ नहीं हो सकता।

SIR और वोटर लिस्ट का मुद्दा फिर गरमाया

राजेश राम ने आरोप लगाया कि सरकार गरीब और कमजोर वर्गों के वोट जानबूझकर हटवा रही है, ताकि 2025 में सत्ता को बचाया जा सके। जब हम सदन में जवाब मांगते हैं, तो कहा जाता है कि ''ये तो चुनाव आयोग का मामला है''।

 INDIA गठबंधन की चेतावनी

राजेश राम ने एलान किया कि कल से INDIA गठबंधन सदन में आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है। गुंडा राज और वोट कटौती की साजिश दोनों पर सरकार को घेरे बिना नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने दावा किया कि कल सदन में सरकार को कड़ा टकराव झेलना पड़ेगा। हम सरकार को बाहर रोकेंगे, और जनता के मुद्दों को अंदर लाएंगे।

पूरी विचारधारा की चुनौती