नीतीश सरकार ने माना कोर्ट का आदेश, तांती और ततवा अब अनुसूचित जाति श्रेणी में नहीं रहेंगे
बिहार की नीतीश सरकार ने सभी विभागों और आयोगों से पान और स्वासी जाति के साथ ही जुड़े तांती और ततवा जाति के कर्मियों की जानकारी तलब की है। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों एवं आयोगों को पत्र लिखकर इनकी जानकारी देने को कहा है। बताया गया है कि इनके आरक्षण की स्थिति में बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब ये जातियां अनुसूचित जाति श्रेणी में नहीं रहेंगी। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद लिया गया है।
विभाग के संयुक्त सचिव गुफरान अहमद ने विभागों से बिहार सचिवालय सेवा के तहत कार्यरत तांती (ततवा) जाति के पदाधिकारियों से स्व-घोषणा पत्र में सूचना प्राप्त करने का निर्देश दिया। साथ ही, उनकी सेवापुस्तिका में अंकित तथ्यों की जांच कर एक सप्ताह में स्व-घोषणा पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। गौर हो कि हाल ही में राज्य सरकार ने पान/स्वासी जाति के साथ जुड़े तांती और ततवा जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी से हटाकर अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) के तहत फिर से जोड़ने का निर्णय लिया है।
दरअसल, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव के साथ सभी विभागाध्यक्ष एवं प्रमंडलीय आयुक्तों के अतिरिक्त बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार तकनीकी सेवा आयोग, बिहार राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार राज्य निर्वाचन प्राधिकार, बिहार राज्य विवि सेवा आयोग, केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य आयोग, अति पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य आयोग तथा महा अधिवक्ता के कार्यालय से भी इस बाबत जानकारी मांगी गयी है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य में तांती (ततवा) जाति के आरक्षण की स्थिति में परिवर्तन आया है। राज्य सरकार ने इन्हें अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल किया था। इसके विरोध में याचिका दाखिल की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तांती (ततवा) जाति को अनुसूचित जाति की श्रेणी से हटाने के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने फिर से इन्हें अत्यंत पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) में शामिल किया है। मगर इस बीच कई विभागों और कार्यालयों में कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के कारण उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।