नीतीश के मंत्री ने खुले मंच से चेताया, बोले- बंदूक वालों को गोली मार दिया जाएगा

 

बिहार के एक मंत्री ने ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद सवाल उठने लगे हैं। मंत्री जी के मुताबिक 'अब हर जिले में एक खास पुलिस जांच टीम यानि SIT बनाई जाएगी। इस फोर्स को को एसआईटी पुलिस बल कहेंगे। यह बल अपराध रोकने में मदद करेगा।' यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसके बाद मंत्री जी अचानक से कुछ ऐसा बोल गए, जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। मंत्री जी ने कह दिया कि 'जो भी अवैध बंदूक और कारतूस लेकर चलेगा, उसे सीधे गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं।' मंत्री जी का दावा ऐसा था कि लोग भी एकबारगी भौंचक्के रह गए।

जिन मंत्री जी ने ये बयान दिया है, उनके विभाग में हाल ही में कड़क आईएएस केके पाठक की तैनाती हुई है। वो हैं बिहार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल। दिलीप जायसवाल बीजेपी कोटे से पहली बार मंत्री बने हैं। एक वीडियो में वो काफी कुछ कह रहे हैं। उन्होंने रुपौली विधानसभा उपचुनाव प्रचार के दौरान वहीं पर मंच से कहा कि 'बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि प्रत्येक जिला में SIT का गठन होगा। एसआईटी बनाया भी रहा है। अवैध रूप से जे रायफल-गोली लेकर चलता है अपराधी, सीधे गोली मारने के आदेश सरकार ने दे दिया है। कोई अपराधी अब नहीं बचेगा कहीं पर। जो अपराधी गोली बंदूक लेकर चलता है, उस अपराधी को तमाम कर दिया जाएगा, समाप्त कर दिया जाएगा। ये फैसला अभी बिहार सरकार ने कैबिनेट में लिया है।

मंत्री दिलीप जायसवाल यहीं नहीं रुके, उन्होंने रुपौली विधानसभा उपचुनाव को लेकर रैली के दौरान ये बयान दिया। उन्होंने आगे कहा कि 'इसलिए अब देह हाथ चमकाने वाले को रुपौली में नहीं घुसने देना है। अवैध बंदूक लेके चलने वाले को रुपौली में घुसने नहीं दिया जाएगा। रुपौली में अगर राज होगा तो गरीब का राज होगा। आपलोग किसी के चक्कर में मत पड़िएगा। रुपौली में एक ही नाम होगा नीतीश जी और मोदी जी का, और कलाधर मंडल जी का।' वैसे हाल ही में रुपौली विधानसभा से ताल ठोकने की तैयारी कर रही बीमा भारती के बेटे राजा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उस पर सुपारी किलिंग का आरोप है.

बिहार सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल का ये बयान अब किसी के गले नहीं उतर रहा है। दरअसल नीतीश सरकार की कैबिनेट ने ऐसा कोई फैसला ही नहीं लिया है। रही बात एसआईटी की तो जिले के पुलिस कप्तान यानि एसपी को ये अधिकार है कि वो किसी बड़े या फिर संगीन मामले में SIT का गठन खुद कर सकें। ऐसा किया भी जाता रहा है। लेकिन गोली मारने वाली SIT का नाम लोगों ने मंत्री जी के मुंह से ही पहली बार सुना।