जन सुराज ने गलत उम्मीदवार नहीं बनाया, प्रशांत किशोर बोले- इमामगंज की जनता उन्हें डॉक्टर साहब कहती है

 

 बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें गया जिले की दो सीट है. जन सुराज पार्टी ने भी सभी चारों जगहों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं. इमामगंज से उनकी पार्टी ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है. जितेंद्र पासवान इंटर पास हैं और खुद को डॉक्टर बताते हैं. विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है. इसका जवाब प्रशांत किशोर ने दे दिया है. 

 प्रशांत किशोर ने कहा कि जनसुराज कभी भी गलत लोगों को अपना उम्मीदवार नहीं बनाएगा. उन्होंने कहा कि इमामगंज के उम्मीदवार जितेंद्र पासवान को वहां के लोग डॉक्टर साहब कहकर बुलाते हैं. सब जानते हैं कि पिछले 35 सालों में लालू-नीतीश के राज में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. गांवों में जो भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं, वो इन्हीं मेडिकल प्रैक्टिशनरों के बल पर चल रही हैं. हम ने गलत नहीं किया है.

जितेंद्र पासवान को मैं डॉक्टर नहीं कह रहा हूं, इमामगंज की जनता उन्हें डॉक्टर साहब कहती है. आगर वो चिकित्सा सुविधा गलत दे रहा है तो यह सरकार का मामला है, नीतीश-बीजेपी सरकार उन पर कार्रवाई कर सकती है. यह तो जिम्मेदारी सरकार और जिला स्वास्थ्य विभाग की है.

उन्होंने कहा कि जितेंद्र पासवान अकेले ऐसे मेडिकल प्रैक्टिशनर नहीं हैं, पूरे बिहार में 1 लाख से ज्यादा मेडिकल प्रैक्टिशनर काम कर रहे हैं. उन्ही के बल बूते बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा लोगों तक पहुंच रही है. उन्होंने सवाल उठाये कि आखिर क्यों नहीं सरकार चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करती है. आप व्यवस्था ठीक कर देंगे तो समस्या ही नहीं रहेगी, लेकिन ऐसा कर नहीं सकेंगे.


प्रशांत किशोर ने कहा कि हमने बिहार के 5000 गांव में देखा कि जो भी चिकित्सा सुविधा मिल रही है, वह इन्हीं डॉक्टर के जरिए मिल रही है. उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रैक्टिशनर को कोई भी डॉक्टर नहीं कहेगा. लेकिन, जो पटना में बैठे एमडी और डीएम गया में कितने दिन गांव और देहात में जाकर चिकित्सा सुविधा दे रहे हैं. प्रशांत किशोर ने लालू और नीतीश कुमार के 35 वर्षों के शासनकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में क्या व्यवस्था बनाई है.

प्रशांत किशोर ने जिन उम्मीदवारों को चारों सीटों पर खड़ा किया है उनकी डिग्री सवालों के घेरे में है. चारों सीटों पर प्रशांत किशोर ने नॉन ग्रेजुएट उम्मीदवार खड़े किए हैं. बेलागंज के उम्मीदवार डॉक्टर जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट की डिग्री हासिल की है. जितेंद्र पासवान एमबीबीएस डॉक्टर नहीं हैं, बावजूद इसके जितेंद्र पासवान को डॉक्टर जितेंद्र पासवान के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. जितेंद्र पासवान ने इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की है.