PM मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया, बोले-किताबें भले जल जाएं, ज्ञान नहीं मिटता 

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया। उन्होंने 21 मिनट तक कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का मौका मिला है। यह मेरा सौभाग्य तो है ही, मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं।

पीएम मोदी ने कहा "नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।"नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।"

उन्होंने कहा कि "मैं बिहार के लोगों को भी बधाई देता हूं। बिहार अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है, नालंदा का ये परिसर उसी की एक प्रेरणा है।हम सभी जानते हैं कि नालंदा कभी भारत की परंपरा और पहचान का जीवंत केंद्र हुआ करता था... शिक्षा को लेकर यही भारत की सोच रही है... शिक्षा ही हमें गढ़ती है, विचार देती है और उसे आकार देती है। प्राचीन नालंदा में बच्चों का प्रवेश उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देख कर नहीं होता था। हर देश हर वर्ग के युवा हैं यहां पर। नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए परिसर में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से आधुनिक रूप में मजबूती देनी है और मुझे ये देख कर खुशी है कि दुनिया के कई देशों से आज यहां कई विद्यार्थी आने लगे हैं।"

 उन्होंने आगे कहा कि "भारत में शिक्षा मानवता के लिए हमारे योगदान का एक माध्यम मानी जाती है। हम सीखते हैं ताकि अपने ज्ञान से मानवता का भला कर सकें। 2 दिन के बाद ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। आज भारत में योग की सैंकड़ों विधाएं मौजूद हैं। हमारे ऋषियों ने इसके लिए कितना गहन शोध किया होगा लेकिन किसी ने योग पर एकाधिकार नहीं बनाया। आज पूरा विश्व योग को अपना रहा है। योग दिवस एक वैश्विस उत्सव बन गया है।"

इससे पहले प्रधानमंत्री ने करीब 15 मिनट तक 1600 साल पुराने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर का दौरा किया। खंडहर में प्रधानमंत्री 10.03 बजे पहुंचे। 10.24 मिनट पर वे वहां से निकल गए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने नालंदा यूनिवर्सिटी के नए स्वरूप को देश को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने यूनिवर्सिटी कैंपस में पौधा भी लगाया। कार्यक्रम में 17 देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।