पारंपरिक पहनावे संग फिर दिखा प्रधानमंत्री का स्नेह, श्रीनगर में असमिया गमछा संग आए नजर

 

आज का दिन उन लोगों के लिए बेहद खास है, जो अपनी सेहत का काफी ध्यान रखते हैं। दरअसल, आज यानी कि 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। दुनियाभर में योग का प्रचार-प्रसार हमारे देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने किया है।

पीएम मोदी ने ही योग दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने रखा, जिसे 117 देशों का समर्थन मिला। इसके बाद से विश्वभर में योग दिवस मनाया जाने लगा। हर साल इसी दिन पीएम मोदी खुद भी कार्यक्रम में शामिल होकर न सिर्फ खुद योग करते हैं, बल्कि औरों को भी योग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

आज के दिन भी वो श्रीनगर के एसकेआईसीसी में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य समारोह में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने लोगों के साथ बातचीत भी की। जब उनकी तस्वीरें सामने आईं, तो उनके गमछे ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। आपको बता दें कि ये कोई साधारण गमछा नहीं है, ये है असम का गमोसा। 

असम का गमोसा असम का ही एक पारंपरिक वस्त्र है, जिस वजह से इसका अपना अलग महत्व है। ये वहां कि संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है।

कई लेखक कहते हैं कि 'अंगोछा' शब्द से ही गमोसा शब्द की उत्पत्ति हुई है। क्योंकि इसका इस्तेमाल भी अंगोछे की तरह ही किया जाता है। असम के लोग सम्मान के तौर पर इसे बुजुर्गों तथा मेहमानों को देते हैं। 

ज्यादातर ये आपको सफेद रंग का ही दिखेगा। सफेद रंग के सूती कपड़े पर लाल या हरा इन दो रंगों से इस पर काम किया जाता है। यह आमतौर पर कपड़े का एक सफेद आयताकार टुकड़ा होता है, जिसके तीन तरफ बॉर्डर होता है और चौथी तरफ बुनी हुई डिजाइन होती है। वैसे तो ये सूती कपड़े से ही बनता है लेकिन इसे खास मौकों के लिए पारंपरिक असमी पाट सिल्क जैसे महंगे कपड़े और अलग-अलग रंगों में भी बनाया जाता है। 

असम के इस गमोसा को 2022 में जीआई का दर्जा दिया गया था। यह मान्यता उत्पाद की विशिष्ट पहचान को कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है। यह उत्पाद की सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी मदद करता है। जब गमोसा को जीआई टैग मिला था तो  हजारों बुनकरों ने इसकी काफी खुशी मनाई थी।