बिहार की दो राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज, किसकी लगेगी लॉटरी, RJD को तो बड़ा नुकसान

 

 2024 के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र लोकसभा से मीसा भारती और नवादा लोकसभा से विवेक ठाकुर के जीतने के बाद उनके राज्यसभा की सीट खाली होने के बाद बिहार की जातीय राजनीति एक बार फिर तेज हो गई है। संख्या बल के अनुसार यह दोनों सीटें एनडीए को जानी तय है फिर भी प्रमुख दल के बीच तुष्टिकरण के साथ सहमति नहीं बन पा रही है।

बीजेपी के रणनीतिकारों की माने तो विवेक ठाकुर की जगह पर वैश्य जाति से आने वाली रामा देवी को राज्यसभा भेज वैश्य की नाराजगी दूर करने की सोची जा रही है। पर रणनीतिकारों का दूसरा धड़ा आरा लोकसभा से हारे पूर्व मंत्री आर के सिंह को राज्य सभा भेजना चाहती है। वैसे भी परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों में शुमार किए जाने वाले लगभग सभी मंत्रियों को मोदी मंत्रिमंडल में बगैर छेड़छाड़ किए दोबारा वही विभाग सौंपे गए। अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव को वही विभाग रिपीट किए। आरके सिंह भी परफॉर्मर मंत्रियों में शामिल रहे, लेकिन वह आरा लोकसभा से चुनाव हार गए।

बीजेपी के रणनीतिकार मीसा भारती के लोकसभा जाने से खाली सीट पर उपेंद्र कुशवाहा को भेजना चाहते हैं। इसके पीछे का कारण यह है कि 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव में उपेंद्र कुशवाहा का लाभ उठाया जा सके। वैसे भी कुशवाहा की नाराजगी के कारण लोकसभा में बीजेपी को सीटों के साथ साथ वोट प्रतिशत का भी नुकसान हुआ है।

लेकिन सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भोला शर्मा को राज्य सभा भेजना चाह रहे हैं। भोला शर्मा भूमिहारों के बीच जेडीयू उम्मीदवार के प्रचार में जाते रहते हैं। ऐसे भी नीतीश कुमार उनके बड़े भाई किंग महेंद्र को राज्यसभा भेजते रहे हैं।

बहरहाल, जातीय तुष्टिकरण का खेल जारी है। प्रदेश नेतृत्व से भी फीड बैक लिया जा रहा है। बीजेपी के रणनीतिकार राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी संपर्क में हैं। सहमति बनने के बाद एनडीए के बैनर तले राज्यसभा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जायेगी।