लखीसराय में सियासी उलटफेर: ललन सिंह के करीबी सुजीत कुमार ने छोड़ी जदयू, थामा कांग्रेस का हाथ

 

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लखीसराय की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के नजदीकी माने जाने वाले सुजीत कुमार ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। उन्होंने 7 अक्टूबर को कांग्रेस की सदस्यता फॉर्म संख्या 129039 भरकर पार्टी जॉइन की।

ललन सिंह को बड़ा झटका

सुजीत कुमार के कांग्रेस में शामिल होने को जदयू और खासकर ललन सिंह के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सुजीत कुमार ने पिछले विधानसभा चुनाव में लखीसराय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाजपा के विजय सिन्हा के खिलाफ ताल ठोकी थी। भले ही उन्हें जीत नहीं मिली, लेकिन उन्होंने चुनाव में अच्छी खासी पकड़ दिखाई थी। इसके बाद उनकी पत्नी बड़हिया नगर परिषद की अध्यक्ष बनीं, जिससे परिवार का स्थानीय स्तर पर प्रभाव और मजबूत हुआ।

कांग्रेस से चुनाव लड़ने की तैयारी

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, सुजीत कुमार आगामी विधानसभा चुनाव में लखीसराय सीट से पार्टी प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतर सकते हैं। पहले ही खबर थी कि कांग्रेस इस सीट पर नए चेहरे को मौका देने की तैयारी में है, और अब सुजीत का पार्टी में शामिल होना उसी दिशा में एक संकेत माना जा रहा है।

कांग्रेस में टिकट की जंग

लखीसराय सीट पर टिकट के लिए कांग्रेस में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा है। पार्टी जिला अध्यक्ष अमरेश कुमार अनीश, पूर्व आईएएस गोरखनाथ, नेता अंगेश सिंह, प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. कुमारी सोनी, और पूर्व विधायक फुलेना सिंह भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। वहीं, राजद एमएलसी अजय सिंह के भाई विनय सिंह भी कांग्रेस से चुनावी टिकट की कोशिश में थे, लेकिन उनकी हालिया गिरफ्तारी के बाद स्थिति बदल गई है।

स्थानीय राजनीति में बढ़ेगा असर

सुजीत कुमार का कांग्रेस में आना सिर्फ एक पार्टी बदलाव नहीं, बल्कि स्थानीय राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। वे लंबे समय से लखीसराय और बड़हिया इलाके में सक्रिय रहे हैं और क्षेत्रीय मतदाताओं के बीच उनकी पकड़ मजबूत है। अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारती है या पार्टी कोई और रणनीति अपनाती है।