राबड़ी आवास खाली कराने पर सियासी बवाल: जदयू नेता नीरज कुमार ने उठाए सरकारी संपत्ति और नियमों के पालन पर गंभीर सवाल

 

Bihar political news: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा 10, सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास खाली किए जाने को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। इस मुद्दे पर जनता दल (यू) के नेता नीरज कुमार ने खुलकर मोर्चा खोलते हुए बिहार विधान परिषद की नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के नाम से आवंटित सरकारी आवास को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जदयू नेता नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के साथ-साथ भवन निर्माण विभाग को एक औपचारिक पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि वर्ष 2006 से राबड़ी देवी और उनका परिवार 10, सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास में रह रहा था और इस दौरान विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सभी सरकारी सुविधाओं और संसाधनों की पूरी जानकारी विभाग के पास मौजूद है।

नियमों के पालन की मांग

नीरज कुमार ने कहा कि विभागीय नियमों के अनुसार जब भी कोई सरकारी आवास खाली किया जाता है, तो उसमें मौजूद सभी सरकारी संपत्तियों को सुरक्षित और यथास्थिति में विभाग को सौंपना अनिवार्य होता है। उन्होंने भवन निर्माण विभाग से मांग की है कि आवास खाली करने की पूरी प्रक्रिया की कड़ी निगरानी की जाए, परिसंपत्तियों का भौतिक सत्यापन हो और हर स्तर पर दस्तावेजीकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि भविष्य में किसी भी तरह के विवाद या राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति न बने।

गमलों और पौधों को लेकर सवाल

नीरज कुमार ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि राबड़ी देवी और उनके परिवार की अनुपस्थिति में रात के समय पिकअप वैन के जरिए आवास परिसर से गमले और पौधे बाहर ले जाए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि ये गमले और पौधे उद्यान विभाग की संपत्ति थे या निजी। यदि वे सरकारी थे, तो उन्हें हटाने का आदेश किसने दिया और पिकअप वैन को परिसर में प्रवेश की अनुमति किसके निर्देश पर दी गई।

सरकारी सामान की सुरक्षा पर चिंता

जदयू नेता ने यह भी कहा कि सरकारी आवासों में एसी, पंखे, फर्नीचर, बाथरूम फिटिंग, गीजर, कमोड, पर्दे सहित कई अन्य सामग्री विभाग की ओर से दी जाती है, जिनकी सुरक्षा और सही स्थिति में वापसी विभाग की जिम्मेदारी होती है। यदि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, तो आने वाले समय में यह मुद्दा बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।

नीरज कुमार ने भवन निर्माण विभाग से अपील की है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से कराई जाए, ताकि किसी भी तरह के भ्रम, आरोप या राजनीतिक दुष्प्रचार की गुंजाइश न रहे। फिलहाल, राबड़ी आवास को लेकर उठे इन सवालों ने बिहार की राजनीति में नई बहस को जन्म दे दिया है।