आधी रात में खाली हुआ राबड़ी आवास! 20 साल बाद टूटा लालू परिवार का सियासी गढ़, पटना की राजनीति में मचा भूचाल
Bihar politics: बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। राजधानी पटना स्थित 10 सर्कुलर रोड के चर्चित राबड़ी आवास को लेकर अचानक हलचल तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार 25 दिसंबर की आधी रात के बाद राबड़ी आवास से 4 से 5 गाड़ियां बाहर निकलती देखी गईं, जिनमें घर का सामान लादा हुआ था। आधी रात में हुई इस गतिविधि ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
खास बात यह है कि जिस समय राबड़ी आवास को खाली करने की प्रक्रिया शुरू हुई, उस वक्त न तो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पटना में मौजूद थे और न ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव। आवास में केवल पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी मौजूद थीं। इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
आधी रात में हुआ सामान का शिफ्टिंग
सूत्रों के मुताबिक, गुरुवार देर रात कुछ छोटी गाड़ियां सरकारी आवास पर पहुंचीं, जिनके जरिए घर का सामान गोला रोड स्थित गौशाला में शिफ्ट किया गया। बताया जा रहा है कि यह सामान फिलहाल वहीं रखा जाएगा और बाद में दूसरे स्थानों पर भेजा जाएगा। इस दौरान राबड़ी आवास से गार्डन से जुड़े पौधे और अन्य सामान बाहर निकाले जाने की तस्वीरें भी सामने आई हैं। हालांकि, राष्ट्रीय जनता दल की ओर से अब तक इस शिफ्टिंग को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।
एक महीने पहले मिला था खाली करने का नोटिस
गौरतलब है कि भवन निर्माण विभाग ने 25 नवंबर को राबड़ी आवास खाली करने को लेकर नोटिस जारी किया था। नोटिस में लालू परिवार को 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास खाली करने का निर्देश दिया गया था। इसके बदले बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के लिए हार्डिंग रोड स्थित आवास संख्या-39 आवंटित किया गया है। लालू परिवार बीते करीब 20 वर्षों से राबड़ी आवास में रह रहा था, ऐसे में यह नोटिस उनके लिए बड़ा झटका माना जा रहा था।
20 साल बाद खाली हो रहा राबड़ी आवास
राजद की ओर से पहले यह दावा किया गया था कि लालू परिवार राबड़ी आवास खाली नहीं करेगा, लेकिन नोटिस मिलने के लगभग एक महीने बाद अब इसे खाली करने की प्रक्रिया शुरू होती नजर आ रही है। सूत्रों की मानें तो यह काम चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। फिलहाल सामान गोला रोड में रखा गया है, जिसे बाद में महुआ बाग और आर्य समाज रोड स्थित आवासों में शिफ्ट किया जाएगा।
राबड़ी आवास का सियासी सफर
राबड़ी आवास का बिहार की राजनीति में एक अलग ही महत्व रहा है। 23 जून 1997 को चारा घोटाला मामले में लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने के बाद, गिरफ्तारी की आशंका के बीच उन्होंने 25 जुलाई 1997 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था। बाद में 30 जुलाई 1997 को लालू यादव ने आत्मसमर्पण किया और दिसंबर 1997 तक जेल में रहे, हालांकि वे राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे।
वर्ष 2005 में राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड स्थित यह सरकारी आवास आवंटित किया गया, जो अगले दो दशकों तक लालू परिवार और राष्ट्रीय जनता दल की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा। अब इस आवास के खाली होने के साथ ही बिहार की राजनीति का एक लंबा और चर्चित अध्याय समाप्त होता नजर आ रहा है।