CM नीतीश की मिमिक्री करना सुनील सिंह को पड़ा महंगा, विधान परिषद से हुए आउट  

 

राजद एमएलसी और राबड़ी देवी के मुंहबोले भाई सुनील सिंह को विधान परिषद से बर्खास्त कर दिया गया है। विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा पर ये कार्रवाई हुई है। रामबचन राय ने सुनील सिंह की बर्खास्तगी का प्रस्ताव स्वीकृत किया। वहीं राजद एमएलसी कारी सोहेब को दो दिन के लिए निलंबित किया गया है। सोहेब ने पहले ही माफी मांग ली थी। सुनील सिंह ने माफी नहीं मांगी थी।

वहीं कार्रवाई को लेकर सुनील सिंह ने कहा कि एक ने लोकसभा सदस्य बनने के लिए और दूसरे ने उपसभापति बनने की लिए ऐसी रिपोर्ट दी है। सुनील सिंह का इशारा देवेश चंद्र ठाकुर और रामबचन राय की ओर था। सुनील सिंह ने कहा कि मुझे बोलने का मौका दिया जाए। उन्होंने सीएम पर कार्रवाई की मांग भी की। इससे पहले गुरुवार को उन्हें बिस्कोमान अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था।

विधान परिषद की आचार समिति ने सुनील सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। इसमें कहा गया था कि वे लगातार सदन के अंदर 4 बैठकों में शामिल नहीं हुए हैं। 5वीं बैठक में वे आए, लेकिन अपने ऊपर लगे आरोपों पर कोई जवाब नहीं दिया।

इसके साथ ही अनुशंसा पत्र में कहा गया है कि वे लगातार सदन के नेता, यानी मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। उनका व्यवहार भी असंसदीय और लोकतंत्र के खिलाफ है। ऐसे में क्यों ना विधान परिषद से उनकी सदस्यता खत्म कर दी जाए।

इसके जवाब में सुनील कुमार सिंह ने कहा कि मेरे खिलाफ प्रतिवेदन तैयार करने में उन लोगों ने काफी मेहनत की है। सदन में गरीबों, किसानों, वंचितों, बेरोजगारों की आवाज नहीं उठ सके, इसलिए यह किया गया है।