मांझी पर भड़क गए तेजस्वी बोले- अब मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे

 

बिहार में सोमवार को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ तो सबकी नजरें ​नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण पर टिकी थीं. राजद की ओर से लगातार दावा किया जा रहा था कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन खेला होगा, नीतीश कुमार की सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी. जीतनराम मांझी ने भी ऐसे संकेत दिए जिससे खेला होने का संकेत मिलने लगा था. लेकिन विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो घटनाक्रम तेजी से बदला. भाजपा सांसद नित्यानंद राय, जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी 'हम' के 4 विधायकों को लेकर विधानभवन पहुंचे.

तब तक पता चला कि राजद के ही तीन विधायकों ने पाला बदल लिया है. चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव सत्ता पक्ष की ओर जाकर बैठ गए. जीतनराम मांझी के एनडीए के पाले में बने रहने और तीन राजद विधायकों के पाला बदलने से जदयू और भाजपा के लिए बहुमत साबित करना आसान हो गया. इसके बाद विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने की कवायद शुरू हुई. एनडीए उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई. बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया.

सदन की कार्यवाई शुरू होते ही पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को तेजस्वी यादव ने खूब सुनाया. कहा जा रहा है कि अगर आरजेडी की ओर से जीतन राम मांझी को मैनेज कर लिया जाता तो सच में 'खेला' हो सकता था. दरअसल, ये सच्चाई है कि नीतीश कुमार ने ही जीतन राम मांझी को सीएम बनाया था. शायद यही वजह रही कि जीतन राम मांझी अपने दिल से नीतीश कुमार को नहीं निकाल पाए. हालांकि, नीतीश कुमार को लेकर उनका खट्टा-मीठा अनुभव जरूर रहा.

दरअसल, 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में जीतन राम मांझी एनडीए के पार्टनर थे। बीच में जब नीतीश कुमार पलटी मारकर एनडीए से महागठबंधन में आए तो जीतन राम मांझी की पार्टी सत्ता में बनी रही। मगर, कुछ दिनों बाद मांझी की नीतीश कुमार से खटपट हो गई तो वो बीजेपी के साथ हो लिए। मगर, एक बार फिर से नीतीश कुमार पलटी मारकर बीजेपी के साथ आए तो जीतन राम मांझी ने बीजेपी का खूंटा पकड़े रखा। इस उठा-पटक में दावा किया गया कि जीतन राम मांझी के पास सीएम पद का भी ऑफर आया था। मगर, उन्होंने फ्यूचर पॉलिटिक्स को टारगेट किया और महागठबंधन का मोह त्याग दिया। इससे तेजस्वी का 'खेल' बिगड़ गया.

मांझी को लेकर तेजस्वी ने कहा कि जब पिछला सत्र चल रहा था तो मांझी जी अपनी बात को रख रहे थे, तो मुख्यमंत्री गुस्से में आ गए. गुस्सा में तो आए तो आए ही, उसके बाद मांझी जी ने बाहर जाकर कहा था कि सीएम साहब को गलत-सलत दवा खिला रहा है. इलाज की जरूरत है. अब मांझी जी ठीक से मुख्यमंत्री जी को ठीक से दवाई खिलाएंगे. अगर संभव हो तो सीएम साहब का ख्याल रखने के लिए वहीं कमरा ले लीजिए.

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि सबसे पहले मैं तेजस्वी यादव जी को जवाब देना चाहता हूं. मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि संगती बहुत इंपॉर्टेंट चीज है, गलत संगत में हम रहेंगे, तो जरूर हमारी मानसिकता में खराबी आ जाएगी. जिस प्रकार के तेजस्वी यादव और उनकी साथी लोग हैं. आज जिस प्रकार से बिहार में 2005 के पहले वाली स्थिति पैदा कर रहे थे, जिसकी चर्चा मुख्यमंत्री कई बार तेजस्वी यादव के सामने मीटिंग में कह चुके थे- मैं 2005 से पहले वाली स्थिति नहीं आने दूंगा.