बिहार चुनाव से पहले नीतीश को तिहरा झटका: मगध, सीमांचल और बांका में जदयू नेताओं का राजद में पलायन, तेजस्वी का बढ़ा कद

 

Bihar news: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है। इस बार मुकाबला सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि सियासी वर्चस्व का भी है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक के बाद एक बड़े झटके लगे हैं। मगध, सीमांचल और बांका-तीनों क्षेत्रों में जदयू के प्रभावशाली नेताओं और उनके परिजनों ने राजद का दामन थाम लिया है। इन घटनाक्रमों को तेजस्वी यादव की रणनीतिक बढ़त और नीतीश खेमे की सबसे बड़ी कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है।

मगध से आरजेडी को बड़ी मजबूती – राहुल शर्मा ने थामा लालू का हाथ

पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे और मोकामा के पूर्व विधायक राहुल शर्मा ने आज जदयू छोड़कर राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। वे भूमिहार समुदाय से आते हैं, जो मगध की राजनीति में निर्णायक भूमिका रखता है।
राजनीतिक हलकों में इसे मगध क्षेत्र का बड़ा उलटफेर माना जा रहा है। राहुल शर्मा के राजद में आने से तेजस्वी यादव को न केवल मगध में सामाजिक समीकरण साधने में मदद मिलेगी, बल्कि भूमिहार बहुल सीटों पर भी असर पड़ेगा।
पूर्व सांसद जगदीश शर्मा स्वयं भूमिहार समाज के प्रभावशाली नेता हैं, और उनके परिवार की इस सियासी शिफ्ट से राजद को साफ फायदा मिलने की संभावना जताई जा रही है।

सीमांचल में संतोष कुशवाहा का झटका – धमदाहा में बनेंगे तेजस्वी के हथियार

नीतीश कुमार को दूसरा बड़ा झटका पूर्णिया के पूर्व सांसद और जदयू के वरिष्ठ नेता संतोष कुशवाहा के रूप में लगा है। उन्होंने जदयू से इस्तीफा देकर आज तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद की सदस्यता ली।
संतोष कुशवाहा लंबे समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और टिकट बंटवारे में लगातार उपेक्षा का सामना कर रहे थे। अब वे संभवतः धमदाहा सीट से जदयू विधायक लेशी सिंह के खिलाफ राजद के प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उनके शामिल होने से सीमांचल क्षेत्र में जदयू की पकड़ कमजोर हो सकती है, जबकि महागठबंधन को संगठनात्मक मजबूती मिलेगी।

बांका में नीतीश के घर तक सेंध – गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश भी राजद में शामिल

तीसरा बड़ा झटका बांका से आया है। जदयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश ने राजद का हाथ थाम लिया है। यह कदम तेजस्वी यादव के लिए सियासी मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। गिरधारी यादव को नीतीश कुमार के करीबी सांसदों में गिना जाता है, ऐसे में उनके ही बेटे का राजद में शामिल होना सीधा नीतीश खेमे में सेंधमारी के रूप में देखा जा रहा है। चाणक्य प्रकाश आगामी चुनाव में बांका से राजद उम्मीदवार के रूप में उतारे जा सकते हैं|

तीनों क्षेत्रों में तेजस्वी की बढ़त, नीतीश की चिंता बढ़ी

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव अब जातीय और भौगोलिक दोनों स्तरों पर रणनीति साधने में जुट गए हैं। मगध से लेकर सीमांचल और बांका तक, उनके खेमे में नए नेताओं का जुड़ना इस बात का संकेत है कि राजद सिर्फ पुराना वोट बैंक नहीं, बल्कि नये चेहरे और समुदायों को भी साथ लाने की तैयारी में है।

वहीं जदयू खेमे में लगातार हो रहे इन पलायनों ने नीतीश कुमार के संगठनात्मक ढांचे को हिला दिया है। आने वाले कुछ दिनों में ये बदलाव बिहार चुनाव की तस्वीर और समीकरण दोनों बदल सकते हैं।