हिजाब विवाद पर उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान: बोले- मुख्यमंत्री का व्यवहार पितृसुलभ, बेवजह तूल दे रही है सियासत
Bihar Politics: हिजाब विवाद को लेकर मची सियासी बयानबाज़ी के बीच राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि इस पूरे मामले को अनावश्यक रूप से बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है, जबकि इसमें किसी तरह की दुर्भावना तलाशना उचित नहीं है।
कटिहार के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री की उम्र, उनका लंबा प्रशासनिक अनुभव और जिस छात्रा से जुड़ा यह मामला है—इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इसे नकारात्मक नजरिए से देखना गलत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का व्यवहार एक अनुभवी अभिभावक की तरह रहा है, जिसे “पितृसुलभ दृष्टिकोण” के रूप में समझा जाना चाहिए। कुशवाहा ने समाज और राजनीतिक दलों से अपील की कि संवेदनशील विषयों पर प्रतिक्रिया देते समय संयम और विवेक बनाए रखना जरूरी है।
इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा की संगठनात्मक स्थिति पर भी अपनी बात रखी। कुशवाहा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी में नया जोश और आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। इसी ऊर्जा के साथ पार्टी अब बिहार से बाहर अन्य राज्यों में भी संगठन विस्तार की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। उनका कहना था कि राष्ट्रीय राजनीति में एक संतुलित, जिम्मेदार और वैकल्पिक आवाज की जरूरत है, जिसे उनकी पार्टी मजबूती से उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ‘वोट मैनेजमेंट’ से जुड़े बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कड़ी असहमति जताई। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की शब्दावली और संकेतों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल राजनीतिक मर्यादाएं प्रभावित होती हैं, बल्कि जनता का भरोसा भी कमजोर होता है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि संभव है यह बयान पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के इरादे से दिया गया हो, लेकिन सार्वजनिक जीवन में जिम्मेदारी और संयम सर्वोपरि होना चाहिए।
कुल मिलाकर, उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान जहां हिजाब विवाद पर संतुलित दृष्टिकोण पेश करता है, वहीं राजनीति में मर्यादा और जिम्मेदारी की अहमियत को भी रेखांकित करता है।