तेजस्वी यादव ने लालू के सामने रखी तेजप्रताप को पार्टी से निकालने की शर्त!

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक लंबे अज्ञातवास के बाद पटना लौट आए हैं. पटना आते ही सत्ता पक्ष पर हमला बोला. कहा कि उनलोगों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसीलिए बस ये देखने में लगे हैं कि कौन कहां जा रहा है? कहां से आ रहा है? विरोधियों पर… Read More »तेजस्वी यादव ने लालू के सामने रखी तेजप्रताप को पार्टी से निकालने की शर्त!
 

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक लंबे अज्ञातवास के बाद पटना लौट आए हैं. पटना आते ही सत्ता पक्ष पर हमला बोला. कहा कि उनलोगों के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसीलिए बस ये देखने में लगे हैं कि कौन कहां जा रहा है? कहां से आ रहा है? विरोधियों पर तो तेजस्वी ने अपने आक्रामक तेवर दिखाये, लेकिन खुद के ही घर और पार्टी में इन दिनों सबकुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. इस बात का अंदाज़ा इससे भी लगाया जा सकता है कि पटना लौटने के दूसरे दिन भी तेजस्वी यादव विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने नहीं पहुंचे.

इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. वहीं बिहार सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता विजय सिन्हा के दावे ने सियासी गलियारे में हडकंप मचा दिया है. मंत्री विजय सिन्हा ने दावा किया है कि तेजस्वी ने परिवार के सामने तेजप्रताप को पार्टी से निकालने की शर्त रख दी है, जिसके कारण लालू कुनबा में हडकंप मच गया है. विजय सिन्हा का दावा है कि उन्हें आरजेडी सूत्रों ने बताया है कि लालू परिवार में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक खास शर्त के कारण विधानसभा नहीं आ रहे हैं.

उनका कहना है कि तेजस्वी यादव ने अपने परिवार में तेजप्रताप यादव को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव रख दिया है. विजय सिन्हा की मानें तो जब तक तेजप्रताप यादव को पार्टी से बाहर नहीं निकाला जाएगा तब तक तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होंगे.

तेजस्वी की इस शर्त से लालू परिवार के हाथ-पांव फूल गये हैं. अभी तक लालू-राबड़ी दोनों भाइयों के झगड़े को छिपाते रहे. पार्टी की एकता और मजबूती के लिए ऐसा किया जाना जरूरी भी था. लेकिन हालात अब बेकाबू हो गये हैं. इसे छिपाना मुमकिन न रहा. तेजस्वी के गायब रहने पर राजद के नेताओं की सफाई गले से नहीं उतर रही थी. कोई कहता बीमार हैं तो कोई कहता वर्ल्डकप देखने इंग्लैंड गये हैं. तभी से कुछ गड़बड़ होने की आशंका जतायी जा रही थी. अगर वे सचमुच इलाज करा रहे थे तो इसमें छिपाने वाली बात क्या थी ? वे लोगों से मिलजुल क्यों नहीं रहे थे ? राजद की राजनीति से खुद क्यों अलग कर लिया था ? पटना पहुंचने के बाद भी तेजस्वी का एक्टिव मोड में न आना, विजय सिन्हा के बयान को बल प्रदान कर रहा है.

वहीं, आरजेडी ने मंत्री के दावों को खारिज किया है. पार्टी के विधायक भाई वीरेन्द्र ने कहा है कि विरोधी अफवाह उड़ा रहे हैं. उनके दावा में कोई हकीकत नहीं है. तेजस्वी जल्द सदन में दिखेंगे. वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दिकी ने मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है.

ज्ञात हो कि इससे पहले भी दोनों भाईयों के बीच तकरार की खबरें आती रही हैं. तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव परिणाम जारी होने के बाद से लगातार पटना से बाहर चल रहे थे. सोमवार को वह पटना पहुंचे हैं.