अब बिहार में पटना के साथ दरभंगा में भी यात्रियों को एयरपोर्ट की सुविधा मिलेगी

बिहार के दरभंगा में जल्दी ही दूसरा बड़ा एयरपोर्ट शुरू होने जा रहा है. इसके साथ उत्तर बिहार के लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए पटना नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही क्षमता से अधिक यात्रियों का भार ढ़ो रहे पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी राहत मिलेगी. खास बात यह भी है कि… Read More »अब बिहार में पटना के साथ दरभंगा में भी यात्रियों को एयरपोर्ट की सुविधा मिलेगी
 

बिहार के दरभंगा में जल्‍दी ही दूसरा बड़ा एयरपोर्ट शुरू होने जा रहा है. इसके साथ उत्‍तर बिहार के लोगों को फ्लाइट पकड़ने के लिए पटना नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही क्षमता से अधिक यात्रियों का भार ढ़ो रहे पटना के जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी राहत मिलेगी. खास बात यह भी है कि इस नए एयरपोर्ट के रन-वे पर फाइटर प्‍लेन (युद्धक विमान) भी उतर सकते हैं.

जी हां, दरभगा के विद्यापति एयर टर्मिनल से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए हवाई उड़ान का सपना जल्द साकार होनेवाला है. यहां अस्थायी टर्मिनल, महानगरों की तर्ज पर पोर्टा केबिन और रनवे निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. हालांकि, बारिश के कारण काम में बाधा आ रही है. फिर भी अक्टूबर से उड़ान शुरू करने की तैयारी है.

बढ़ाई जा रही रनवे की ऊंचाई

एयरपोर्ट पर पूर्व से बने रनवे की ऊंचाई बढ़ाई जा रही है. इसे करीब 28 सेंटीमीटर यानी 10 इंच ऊंचा किया जा रहा है. रनवे बनाने के लिए विशेष तकनीक का प्रयोग किया जाता है. इसमें अलकतरा के साथ सीमेंट भी मिलाई जाती है.

रनवे ऐसा कि फाइटर प्‍लेन भी उतर जाए

दरभंगा एयरपोर्ट का रनवे नौ हजार फीट लंबा है. जबकि, पटना एयरपोर्ट का रन-वे छह हजार फीट ही है. जानकार बताते हैं कि दरभंगा का रनवे फाइटर प्लेन की उड़ान के लिए भी पूरी तरह से उपयुक्त है. यह बड़े विमानों के उतरने के लिए भी पूरी तरह अनुकूल है.

20 फीट चौड़ी सड़क का हो रहा निर्माण

यात्रियों को जांच के बाद उन्‍हें विमान तक ले जाने के लिए वायुसेना केंद्र में 20 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण हो रहा है. सेना की चहारदीवारी के ठीक बगल से होते हुए यात्रियों को विमान तक ले जाया जाएगा. यहां बन रहे और अस्थायी भवन के बाहर लोगों को घूमने या वायुसेना केंद्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी.

तीन विमानों के पार्किंग की व्यवस्था

दरभंगा एयरपोर्ट पर एक साथ तीन विमानों के पार्किंग की व्यवस्था होगी. दो विमान एक दिशा में तो तीसरा इसके ठीक विपरीत दिशा में खड़ा रहेगा. तीनों विमानों में से एक के उड़ान भरने के बाद ही किसी अन्य विमान की लैंडिंग की इजाजत होगी. फिलहाल पटना एयरपोर्ट पर एक साथ पांच विमानों के पार्किंग की व्यवस्था है.

अक्टूबर से शुरू होगा विमानों का परिचालन

एक अगस्त से स्पाइस जेट के विमानों का परिचालन शुरू होना था. कंपनी ने बीते छह मार्च को इसकी जानकारी दी थी. लेकिन काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है. पिछले दिनों बिहार सरकार के मुख्य सचिव ने अक्टूबर से परिचालन की जानकारी दी थी. स्पाइसजेट के एसोसिएट वाइस प्रेसीडेंट, नवनीत कुमार बताते हैं कि रनवे का काम पूरा होने के बाद जैसे ही एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दिया जाएगा, विमानों का परिचालन शुरू हो जाएगा.