Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मोकामा हत्याकांड के बाद बड़ा एक्शन- जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह गिरफ्तार, अमित शाह के सख़्त रुख के बाद प्रशासन हरकत में
Mokama crime case: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड ने पूरे प्रदेश की राजनीति को हिला कर रख दिया है। अब यह मामला केवल बयानबाज़ी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रशासनिक एक्शन का रूप ले चुका है। गृह मंत्री अमित शाह ने एक टीवी इंटरव्यू में इस हत्या पर अफसोस जताते हुए सख़्त कार्रवाई का संकेत दिया था। इसके कुछ घंटे बाद ही पटना पुलिस ने जदयू प्रत्याशी और बाहुबली नेता अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
शनिवार देर रात करीब 12 बजे पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में 150 पुलिसकर्मियों की टीम ने बाढ़ थाना क्षेत्र स्थित अनंत सिंह के घर को चारों ओर से घेर लिया। पूरी कार्रवाई फ़िल्मी अंदाज़ में हुई — इलाके की नाकेबंदी, ड्रोन निगरानी और सुरक्षा घेरा पहले से तय था। अनंत सिंह को सफेद पैंट-शर्ट और काले चश्मे में देखा गया, लेकिन उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की।
“कानून से ऊपर कोई नहीं”- पटना DM और SSP का बयान
गिरफ्तारी के बाद पटना डीएम डॉ. त्यागराजन एस.एम. और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि “कानून से ऊपर कोई नहीं है।”
डीएम ने स्पष्ट किया कि मोकामा विधानसभा क्षेत्र की घटना को अत्यंत गंभीरता से लिया गया है। प्रशासन ने हथियार जमा कराने, संवेदनशील इलाकों में ड्रोन निगरानी और 24 घंटे मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की रीढ़ आचार संहिता है। कोई भी व्यक्ति चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
अमित शाह का बयान बना टर्निंग पॉइंट
गृह मंत्री अमित शाह के सख्त बयान को इस कार्रवाई का ट्रिगर पॉइंट माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि शाह ने चुनावी माहौल में अपराध की छवि से पार्टी को दूर रखने की रणनीति के तहत सख्ती दिखाई। उनके बयान के कुछ ही घंटे बाद राज्य प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए न सिर्फ अनंत सिंह को गिरफ्तार किया, बल्कि बाढ़ एसडीएम चंदन कुमार, एसडीपीओ राकेश कुमार, थानाध्यक्ष अभिषेक सिंह और ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग को तत्काल प्रभाव से हटा दिया।इनकी जगह आईएएस आशीष कुमार और डीएसपी आनंद कुमार सिंह जैसे युवा अफसरों को कमान सौंपी गई है।
तेजस्वी यादव का वार- “चुनाव आयोग मर गया क्या?”
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “एनडीए प्रत्याशी खुलेआम हत्याएं कर रहे हैं, सैकड़ों गाड़ियों के काफ़िले के साथ घूम रहे हैं, क्या चुनाव आयोग मर गया है? क्या कानून सिर्फ विपक्ष के लिए बचा है?” उनके बयान ने सियासी तापमान और बढ़ा दिया है।
अब सवाल- “बुलेट की नहीं, बैलेट की ताकत चलेगी?”
विश्लेषकों का मानना है कि मोकामा की घटना ने बिहार की राजनीति को फिर पुराने दौर में पहुंचा दिया है- जहाँ सत्ता की जंग बैलेट बॉक्स से ज़्यादा बुलेट की आवाज़ में गूंज रही है। हालांकि प्रशासन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि इस बार चुनावी मैदान में बंदूक नहीं, लोकतंत्र की ताक़त तय करेगी कि जनता किसके साथ है।







